Last Updated: Wednesday, March 6, 2013, 10:26
वाशिंगटन : वार्टन इंडिया इकोनोमिक फोरम द्वारा गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण रद्द किये जाने पर दुख जताते हुए एक अमेरिकी सांसद ने कहा कि किसी के विचारों को दूसरों के विचारों की कीमत पर दबाना सही नहीं है।
कांग्रेस सदस्य इनि फैलियोमाविगा ने कहा कि आमंत्रण भेजते हुये वार्टन को पता होगा कि एक दशक के बाद भी भारत के उच्चतम न्यायालय को मोदी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि कुछ प्रोफेसरों के विरोध के बाद वार्टन ने उनको भेजा गया आमंत्रण रद्द कर दिया। विरोध करने वाले लोग कानून के बाहर जा रहे हैं और अलग मत रखने वाले लोगों के अधिकारों का हनन कर रहे हैं।
फैलियोमाविगा विदेशी मामलों की समिति की एशिया प्रशांत उपसमिति के वरिष्ठ सदस्य भी हैं। उनका कहना है कि विश्वविद्यालय अलग अलग मतों का स्थान है। किसी के विचारों को दूसरों के विचारों की कीमत पर दबाना सही नहीं है। वह एकमात्र अमेरिकी सांसद हैं जिन्होंने सार्वजनिक तौर पर मोदी का समर्थन किया है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका-भारत रिश्ते अमेरिका के लिये भी बहुत अहम हैं और मोदी भारत के बहुत महत्वपूर्ण नेता हैं। इसलिये मैं दोबारा कहता हूं कि यह सही समय है जब अमेरिका को मुख्यमंत्री मोदी के साथ वार्ता शुरू करनी चाहिये जो भारत के अगले प्रधानमंत्री भी हो सकते हैं।’’ साथ ही द वॉल स्ट्रीट जर्नल द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण में सामने आया कि 90 प्रतिशत अमेरिकी वार्टन के फैसले को गलत मानते हैं जबकि 6.3 प्रतिशत लोग वार्टन को सही मान रहे हैं। इस सर्वेक्षण में चार हजार लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दीं। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, March 6, 2013, 10:26