Last Updated: Thursday, March 21, 2013, 10:08

ज़ी न्यूज ब्यूरो
जेनेवा: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में श्रीलंका में मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए अमेरिका समर्थित प्रस्ताव को गुरुवार को पेश किया जाएगा। यूनएचआरसी में आज इस प्रस्ताव पर मतदान होगा।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग के सत्र में पेश किए जाने वाले अमेरिका द्वारा तैयार प्रस्ताव के मसौदे में श्रींलका से आह्वान किया गया है कि मानवाधिकार हनन के मामलों में वह स्वतंत्र और विश्वसनीय जांच कराये। मसौदा में उससे लेसन्स लंन्र्ट एंड रिकंसिलियेशन कमिशन की रिपोर्ट में की गयी सिफारिशों को भी लागू करने के लिये कहा गया है। इसमें श्रीलंका से अपील की गयी है कि वह श्रीलांकाई लोगों को न्याय, समानता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिये जरूरी कार्रवाई करे।
उधर, श्रीलंकाई विदेश मंत्री जीएल पेइरिस ने कहा है कि देश संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में पेश होने वाले अमेरिका समर्थित प्रस्ताव के अंतिम मसौदे को खारिज करेगा जिसमें कथित मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए देश को ‘अपमानित’ करके उसे ‘अलग थलग’ करने की मांग की गई है।
पेइरिस ने प्रस्ताव पर श्रीलंका का रुख पेश करते हुए सदस्य देशों को भेजे संदेश में कहा कि श्रीलंका की स्थिति की ओर असंगत ध्यान आकर्षित करना और देश को अपमानित करने और उसे अलग थलग करने के लिए प्रस्ताव पेश करना श्रीलंका की वर्तमान सुलह समझौता प्रक्रिया के लिए अनुपयोगी और प्रतिकूल है। उन्होंने कहा कि जैसे श्रीलंका मानवाधिकार परिषद के पिछले प्रस्ताव को मान्यता नहीं देता वैसे ही वह नए प्रस्ताव को भी खारिज करता है। श्रीलंका का इरादा है कि मानवाधिकार परिषद में 21 मार्च 2013 को प्रस्ताव का मसौदा पेश किए जाने पर वह मतदान कराने का अनुरोध करेगा।
उधर, जिनिवा में श्रीलंका के मानवाधिकार प्रतिनिधि महिंदा समरसिंघे ने अमेरिका समर्थित प्रस्ताव पर निशाना साधते हुए कहा कि इसमें इस्तेमाल की गई भाषा संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयुक्त की ‘त्रूटिपूर्ण’ रिपोर्ट से ली गई है। गुरुवार को यूनएचआरसी में इस प्रताव पर मतदान होगा।
First Published: Thursday, March 21, 2013, 10:08