यूएन में कश्मीर पर भारत-पाक में फिर से वाकयुद्ध

यूएन में कश्मीर पर भारत-पाक में फिर से वाकयुद्ध

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र महासभा में इस्लामाबाद द्वारा कश्मीर मुद्दे का जिक्र किए जाने के बाद लगातार दूसरे दिन भी भारत और पाकिस्तान के बीच वाकयुद्ध हुआ। महासभा की ‘रिपोर्ट ऑफ द वर्क ऑफ द आर्गनाइजेशन’ पर बैठक के दौरान पाकिस्तान के स्थायी उपप्रतिनिधि रजा बशीर तरार ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की, जम्मू-कश्मीर में शांति बहाली मिशन यूएनएमओजीआईपी (यूनाइटेड नेशन्स मिल्रिटी ऑब्जर्वर ग्रुप इन इंडिया एंड पाकिस्तान) के माध्यम से भागीदारी और निगरानी के लिए उनका देश विश्व निकाय की प्रशंसा करता है।

तरार ने कल यहां कहा कि हम मानते हैं कि फलस्तीन और जम्मू कश्मीर जैसे लंबे समय से चल रहे विवादों के शांतिपूर्ण हल से अंतरराष्ट्रीय शांति और स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा तथा संयुक्त राष्ट्र की प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी।

भारत ने पाकिस्तान द्वारा कश्मीर का संदर्भ दिए जाने पर तत्काल जवाब देने के अपने अधिकार का उपयोग किया। भारतीय मिशन में प्रथम सचिव नामग्या खम्पा ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा जम्मू कश्मीर का अनावश्यक संदर्भ दिया जाना अफसोसजनक है। जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है। ऐसी टिप्पणियों को पूरी तरह खारिज कर दिया जाना चाहिए।

इस पर तरार ने जवाब देने के अपने अधिकार का उपयोग करते हुए कहा कि अनावश्यक शब्द भारतीय प्रतिनिधिमंडल का पसंदीदा शब्द प्रतीत होता है जो कश्मीर का जिक्र किए जाने पर हर बार इसी शब्द का उपयोग करता है। उन्होंने कहा कि सच के लिए शब्दकोष विकल्प नहीं हो सकता। मैं तो सिर्फ यह सलाह दे रहा हूं कि हमें कश्मीर जैसे महत्वपूर्ण और लंबित मुद्दों को सिर्फ आकस्मिक टिप्पणियों के माध्यम से दरकिनार करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। तरार के इस कथन के बाद खम्पा ने जवाब देने के अपने अधिकार का दूसरी बार उपयोग किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने अपने अधिकारक्षेत्र से बाहर जा कर जम्मू-कश्मीर का संदर्भ दिया जबकि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न भाग है। उन्होंने कहा कि भारत इन टिप्पणियों को सिरे से खारिज करता है जिनका महासभा में कोई स्थान नहीं है।

तरार ने भी जवाब देने के अधिकार का दूसरी बार उपयोग करते हुए कहा कि दोहराव से सचाई का भ्रम उत्पन्न नहीं किया जा सकता। उन्होंने महासभा के वर्तमान सत्र के दौरान कश्मीर पर भारत के साथ हुए वादविवाद का जिक्र करते हुए कहा कि इससे सचाई सामने आ जाएगी।

तरार ने कहा कि मैं इन तथ्यों पर और अधिक जोर नहीं देना चाहता जो अंतरराष्ट्रीय महत्व के हैं और सुरक्षा परिषद के विभिन्न प्रस्तावों में जिनका जिक्र किया जा चुका है, ये प्रस्ताव आज तक कार्यान्वित नहीं किए गए। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, October 10, 2012, 13:12

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