Last Updated: Thursday, December 13, 2012, 13:11
न्यूयॉर्क : सिख बच्चों को डराने, धमकाने और प्रताड़ित किए जाने की घटनाओं को ‘गंभीर चिंता का कारण’ करार देते हुए अमेरिका के न्याय विभाग ने सिफारिश की है कि एफबीआई ने अब तक सिखों और हिन्दुओं के खिलाफ जितने अपराधों का पता लगाया है, उन्हें धर्म आधारित घृणा अपराध की श्रेणी में दर्ज किया जाना चाहिए।
न्याय विभाग के सहायक अटॉर्नी जनरल टॉम पेरेज ने कहा कि अंतरधर्म समूह इस बात का समर्थन कर रहे हैं कि एफबीआई की एकीकृत अपराध रिपोर्ट में सिखों, हिन्दुओं और अरबों के खिलाफ जिन अपराधों का पता लगाया गया है, उन्हें घृणा अपराध की श्रेणी में दर्ज किया जाए।
पिछले हफ्ते पेरेज ओक क्रीक गए थे और गुरुद्वारे के सदस्यों तथा पदाधिकारियों से मुलाकात की थी। गत अगस्त में नस्ली विचारधारा रखने वाले एक श्वेत व्यक्ति वेड माइकल पेज ने इस गुरुद्वारे में गोलीबारी कर छह लोगों को मार डाला था और तीन अन्य को गंभीर रूप से घायल कर दिया था।
पेरेज ने कहा कि वह न्याय विभाग द्वारा टाउन हॉल में बुलाई गई बैठक में शामिल हुए, जिसमें 22 विभिन्न धार्मिक एवं अंतरधर्म समूहों ने इस बारे में चर्चा की कि एफबीआई की एकीकृत अपराध रिपोर्ट में घृणा अपराधों को किस हिसाब से तय किया जाता है। बैठक में चर्चा और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अनुभव के आधार पर सामुदायिक संबंध सेवा ने सिफारिश की है कि सिखों और हिन्दुओं के खिलाफ अपराधों को उन पुलिस रिपोर्टों और एफबीआई के घृणा अपराधों की सूची में दर्ज किया जाए जो हर साल पेश की जाती है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, December 13, 2012, 13:11