Last Updated: Thursday, October 27, 2011, 08:05
वॉशिंगटन : पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियां रॉ और आईएसआई को अपना टकरावपूर्ण रवैया खत्म करना चाहिए ताकि एक-दूसरे को नुकसान पहुंचाना बंद कर मेल-मिलाप की प्रक्रिया शुरू हो सके।
मुशर्रफ ने कहा ‘अफगानिस्तान हमेशा से ही पाकिस्तान विरोधी रहा है क्योंकि सोवियत संघ और भारत के अफगानिस्तान से करीबी रिश्ते रहे हैं। 1950 के दशक से खुफिया एजेंसियां केजीबी, रॉ और अफगानिस्तान की केएचएडी के बीच सहयोग और बातचीत जारी रही।' मुशर्रफ ने वाशिंगटन के प्रख्यात विचार समूह ‘कारनेजी एन्डाउमेंट फॉर पीस’ में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, ‘इसलिए हमें चाहिए कि इसे जारी रहने दें क्योंकि अगर पाकिस्तान अपने हितों की रक्षा के लिए आईएसआई को कदम उठाने का आदेश देता है तो किसी को पूर्वाग्रह नहीं रखना चाहिए।’
उन्होंने कहा ‘इसलिए हमें लगता है कि भारत और पाकिस्तान के बीच और उनकी दोनों खुफिया एजेंसियों के बीच निश्चित रूप से मेल-मिलाप होना चाहिए।’ मुशर्रफ ने कहा कि दोनों के बीच 1950 के दशक से टकराव का रवैया जारी होने के कारण एक-दूसरे को नुकसान पहुंच रहा है। उन्होंने कहा ‘इसीलिए मैं कहूंगा कि छोटा कदम भी अभी बहुत महत्वपूर्ण है जब अमेरिकी नेतृत्व या और कोई कहता है कि पाकिस्तान ने पर्याप्त कदम नहीं उठाए, उसे और कार्रवाई करने की जरूरत है तो इससे पाकिस्तान में आम आदमी नाराज हो जाता है।’
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा ‘अब भारत को पाकिस्तान विरोधी अफगानिस्तान बनाना चाह रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है और मैं ऐसा इसलिए नहीं कह रहा हूं कि मैं भारत विरोधी हूं। मुझे यह खुफिया सूचना से पता चला। मैं जानता हूं कि यह सही है। सबूत के तौर पर देखें तो आज अफगानिस्तान में अफगान कूटनीतिक, खुफिया कर्मी, सुरक्षा कर्मी प्रशिक्षण के लिए भारत जाते हैं।’
मुशर्रफ ने कहा ‘मैंने अपने कार्यकाल के दौरान राष्ट्रपति हामिद करजई को प्रस्ताव दिया था कि इन लोगों को पाकिस्तान भेजें, हमारे सभी प्रशिक्षण संस्थान खुले हैं, उनमें कोई फीस नहीं है .. आज तक नहीं।’ उन्होंने कहा ‘मैंने अफगानिस्तान के बारे में जो कहा, वह पूरी जानकारी मिलने के बाद ही कहा अन्यथा ऐसे में जबकि भारतीय भी बैठे हों, मैं कुछ भी ऐसा नहीं कहूंगा जो संदिग्ध हो। मैं जानता हूं कि यह हो रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।’
मुशर्रफ ने यह भी कहा, ‘अगर दोनों देशों के नेतृत्व में रिश्ते हैं तो मुझे पूरा भरोसा है कि हम समाधान निकाल ही लेंगे। मुझे लगता है कि यह कठिन है लेकिन आपको ऐसा करने की जरूरत है। बल्कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और भारत तीनों को तालमेल विकसित करने की जरूरत है।’
(एजेंसी)
First Published: Friday, October 28, 2011, 10:16