Last Updated: Friday, March 15, 2013, 11:13
बीजिंग : दुनिया की एक बड़ी आर्थिक और सैन्य ताकत के रूप में खुद को स्थापित कर चुके चीन में सत्ता परिवर्तन की प्रक्रिया के तहत कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चीन (सीपीसी) में दूसरे नंबर के नेता ली क्विंग को शुक्रवार को देश का नया प्रधानमंत्री चुना गया। वह वेन जियाबाओ का स्थान ले रहे हैं।
नवनियुक्त राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 57 वर्षीय ली को प्रधानमंत्री के तौर पर नामित किया जिसका 3000 सदस्यीय नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) ने अनुमोदन किया। ली इससे पहले देश के उपप्रधानमंत्री के तौर पर कार्यरत थे। चार महीने पहले कम्युनिस्ट पार्टी का प्रभार संभालने वाले शी को कल चीन की संसद ने औपचारिक तौर पर राष्ट्रपति नियुक्त किया था जिसके एक दिन बाद ली को नया प्रधानमंत्री चुना गया। शी सत्तारूढ सीपीसी के महासचिव के साथ साथ शक्तिशाली सैन्य आयोग के अध्यक्ष भी हैं।
ली का जन्म दिंगयुआन काउंटी में हुआ था। उनके पिता एक स्थानीय अधिकारी थे। ऐसा बताया जाता है कि ली के पिता ने उन्हें स्थानीय काउंटी का नेता बनने की सलाह दी थी लेकिन उन्होंने इसे मानने से इनकार कर दिया। माओ त्से तुंग के नेतृत्व वाली ‘सांस्कृतिक क्रांति’ के दौरान ली को फेंगयांग काउंटी में मज़दूर शिविर में भेजा गया जहां वह बाद में कम्युनिस्ट पार्टी का हिस्सा बन गए। ली ने अर्थशास्त्र में डॉक्टर की उपाधि प्राप्त की और 1980 में पीकिंग विश्वविद्यालय की कम्युनिस्ट युवा लीग के सचिव बने। इसके बाद उन्होंने कानून की डिग्री हासिल की और माओ त्से तुंग की विचारधारा के अध्ययन के लिए उन्हें ‘आउटस्टैंडिंग इंडीविजुअल’ के खिताब से नवाज़ा गया।
युवा लीग में काम करते समय निवर्तमान राष्ट्रपति हू जिंताओ के साथ काम के दौरान उन्होंने पार्टी में अपनी पकड़ बनाई। शांत व्यक्तित्व के मालिक और सुधारक के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाले ली के शी के साथ मिलकर अगले दस वषरें तक चीन की सत्ता पर काबिज़ रहने की उम्मीद है। ली की पहचान एक नेता की है जो पिछड़े और गरीब लोगों की मदद के लिए प्रयासरत रहता है। ग्रामीण इलाकों में काम करते समय ली की छवि को उस समय ठेस पहुंची थी जब संदूषित रक्त के कारण एचआईवी फैल गया था लेकिन उन्होंने हेनान प्रांत में आर्थिक सुधार करके अपनी पुरानी प्रतिष्ठा को फिर हासिल किया। (एजेंसी)
First Published: Friday, March 15, 2013, 11:13