Last Updated: Monday, May 28, 2012, 18:35

बीजिंग : चीन की सरकार के विरोध में ‘आत्म बलिदान’ करने की घटनाओं का प्रसार अब तिब्बत की राजधानी ल्हासा तक पहुंच गया है। ल्हासा में पहली बार दो तिब्बतियों ने आत्मदाह किया, जिनमें से एक ने दम तोड़ दिया है। सिचुआन प्रांत के आबा काउंटी से दारगी और गानसू प्रांत की जियाहे काउंटी के तोबगे सेतेन ने कल ल्हासा के एक प्रमुख बाजार पारगोर स्ट्रीट में खुद को आग लगा ली।
सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) की तिब्बत की क्षेत्रीय समिति ने इन दोनों के आत्मदाह करने की पुष्टि की है। पुलिस ने इन लोगों को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया, जहां सेतेन की मौत हो गई। चीन में तिब्बतियों द्वारा आत्मदाह करने की घटनाएं बीते साल शुरू हुईं। तिब्बत क्षेत्र के ज्यादातर पुलिसकर्मियों को आग बुझाने का एक छोटा उपकरण दिया गया है। इसके जरिए वे लपटों पर तत्काल काबू पा लेते हैं।
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि दारगी की हालत स्थिर है और वह बात करने के योग्य है। यह घटना ल्हासा के बेहद भीड़भाड़ वाले इलाके में हुई। यहां लोग भगवान बुद्ध की जन्मदिवस के समारोह में शामिल होने के लिए मौजूद थे।
यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु जोखांग मंदिर के निकट एकत्र हुए थे। ल्हासा में खुद को आग लगाने की यह पहली घटना है। चीन के सिचुआन, गानसू और किंगघई में आत्मदाह की करीब 35 घटनाएं हो चुकी हैं। (एजेंसी)
First Published: Monday, May 28, 2012, 18:35