Last Updated: Thursday, August 18, 2011, 10:30
नई दिल्ली : अपनी अनशन की मांग को लेकर अड़े अन्ना हजारे वैश्विक मीडिया जगत में भी छा गए हैं. 'जन लोकपाल' के समर्थन में सरकार को मजबूर करने वाले गांधीवादी कार्यकर्ता अन्ना हजारे की दुनियाभर के मीडिया में जबर्दस्त चर्चा हो रही है.
अमेरिका की पत्रिका 'टाइम' ने अपनी वेबसाइट पर इस मुद्दे को काफी प्रमुखता देते हुए लिखा कि भ्रष्टाचार का विरोध कर रहे एक सामाजिक कार्यकर्ता ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को घुटनों के बल झुकने के लिए मजबूर कर दिया. टाइम ने लिखा है कि सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे 15 दिन का अनशन करने की अनुमति मिलने के बाद बुधवार को देर रात जेल से बाहर आने पर सहमत हो गए.
अमेरिका के ही एक और समाचार पत्र न्यूयॉर्क टाइम्स ने अन्ना हजारे और पुलिस के बीच अनशन को लेकर हुई सहमति को अपनी वेबसाइट की पहली खबर बनाया है. पत्र ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि प्रदर्शन कर रहे अन्ना हजारे और पुलिस के बीच एक सहमति बनती दिखाई दे रही है. पत्र कहता है कि गुरूवार सुबह को टीम अन्ना और पुलिस के बीच सहमति बन गई जिसमें अन्ना हजारे को जेल छोड़ने और भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन करने की अनुमति दी गई है.
वहीं ऑस्टेलिया से प्रकाशित 'सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड' ने अन्ना हजारे के बारे में लिखा, ' महात्मा गांधी के अनुयायी अन्ना हजारे तेजी से बढ़ते भ्रष्टाचार के खिलाफ राष्ट्रव्यापी सामाजिक आंदोलन का चेहरा बन गये हैं. वह कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के लिए एक बड़ा कांटा बन गये हैं जिसके साथ उनका गतिरोध लगातार कड़वा होता जा रहा है.'
बिज़नेस समाचार पत्र 'वॉल स्ट्रीट जर्नल' ने लिखा कि गांधीवादी कार्यकर्ता अन्ना हजारे के समर्थन में भारत की जनता भले ही सड़कों पर उतर आई हो लेकिन इसकी तुलना अरब जगत में हुए विद्रोह से नहीं की जा सकती है.
पाकिस्तान में भी अन्ना की उपस्थिति दिखी जब वहां के प्रमुख अखबार 'डॉन' ने अन्ना हजारे के बारे में लिखा, 'भारत के स्वतंत्रता आदोलन के नेताओं की तरह सफेद कपड़े और साधारण सा दिखने वाले हजारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी महात्मा गाधी के तरीकों को अपनाकर भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष करने वाले आदर्श नेता बन गए हैं.
First Published: Thursday, August 18, 2011, 16:32