Last Updated: Saturday, October 20, 2012, 12:15
हो ची मिन्ह सिटी : अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में अपनी ताकत का परिचय देने के लिये आज परमाणु उर्जा चालित एक विमानवाहक पोत को इस जलक्षेत्र की यात्रा पर भेजा है ,जो बीजिंग के साथ उसकी बढ़ती रणनीतिक प्रतिद्वंदिता का केंद्र बनता जा रहा है। यूएसएस जार्ज वाशिंगटन के मिशन से चीन की भौहें तन सकती हैं जिसका वियतनाम, फिलीपीन और अन्य देशों की सरकारों से इस क्षेत्र के द्वीपों के स्वामित्व को लेकर विवाद चल रहा है।
इस कदम से चीन के साथ तनाव के बीच बेहद सशंकित इन छोटे देशों को अमेरिकी सहायता का फिर से आश्वासन मिलेगा । आर्थिक और सैन्य ताकत के बढ़ने के बाद चीन ने दक्षिण चीन सागर पर अपने दावे को लेकर दबाव डालने के लिये आक्रामक रूख अख्तियार कर रखा है।
अमेरिका पश्चिम एशिया की बजाय एशिया को ‘केंद्र बिंदु’ मानते हुये वियतनाम और क्षेत्र के अन्य देशों के साथ नजदीकी आर्थिक और सैन्य गठबंधन बना रहा है । चीन और अमेरिकी के एक और सहयोगी देश जापान के बीच पूर्वी चीन सागर में स्थित द्वीपों के स्वामित्व को लेकर इन दिनों अत्यधिक तनाव चल रहा है । शुक्रवार को बीजिंग ने द्वीप समूह के नजदीक सैन्य अभ्यास कर अपने दावे के समर्थन में अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। (एजेंसी)
First Published: Saturday, October 20, 2012, 12:15