वीजा बांड से नाराज है ब्रिटिश भारतीय

वीजा बांड से नाराज है ब्रिटिश भारतीय

लंदन : भारत सहित ‘भारी जोखिम’ वाले देशों से आने वालों से मोटी रकम के वीजा बांड की मांग करने की ब्रिटिश सरकार की योजना पर देश में अभी भी हंगामा हो रहा है और कुछ लोग इसे ‘अनुचित और भेदभावपूर्ण’ बता रहे हैं ।

भारतीय और अन्य गैर-यूरोपीय संघ देशों से आने वालों के अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाला एक गैर-लाभ अभियान समूह ‘एचएसएमपी फोरम’ भी इस ‘अनुचित’ पायलट योजना पर चिंता जताने वालों की सूची में शामिल हो गया है। इस योजना में भारत, पाकिस्तान, बांगलादेश, श्रीलंका, नाइजीरिया और घाना को शामिल किया गया है।

‘एचएसएमपी फोरम’ की कार्यकारी निदेशक अमित कपाड़िया ने कहा कि मुझे यह बेहद भेदभावपूर्ण लगा कि सिर्फ एशिया और अफ्रीका के नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है। हमें इस बात की भी चिंता है कि भविष्य में सरकार सभी प्रकार के वीजा पर वित्तीय बांड प्रणाली लागू कर सकती है। उन्होंने कहा कि इन नए बदलावों का अर्थ है कि बांड की राशि के कारण यहां रह रहे प्रवासियों के लिए अपने परिवार को थोड़े वक्त के लिए भी ब्रिटेन बुलाना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यह सरकार अपने राजनीतिक लक्ष्यों को पाने के लिए गैर-यूरोपीय संघ देशों से आने वाले आव्रजकों के जीवन को और मुश्किल बनाने के लिए दृढ़ है। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, June 25, 2013, 22:48

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