Last Updated: Friday, December 30, 2011, 15:10
लंदन : ब्रिटेन की अदालत ने शुक्रवार को कहा कि नौसेना वार रूम लीक कांड के प्रमुख आरोपी रवि शंकरण के खिलाफ प्रत्यर्पण मामले को स्वीकार करने के लिए प्रथम दृष्टया सबूत है, लेकिन उसने अभियोजन पख से 27 जनवरी तक और सबूत पेश करने को कहा। वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट डिस्ट्रिक्ट जज निकोलस इवांस ने कहा कि प्रथम दृष्टया (प्रत्यर्पण की बात स्वीकारने के लिए) सबूत है। मैं बचाव पक्ष को वह सबूत मांगने का अवसर देता हूं जो वह मांगना चाहता है।
यह मामला 27 जनवरी, शुक्रवार को सुबह दस बजे आएगा जबकि अभियोजन और बचाव अपना-अपना सबूत सामने रखेंगे। न्यायाधीश ने कहा कि यदि बचाव पक्ष गवाही की मांग करने का फैसला करता है तो यह मामला छह जून, 2012 को सुनवाई के अदालत में उठेगा।
न्यायाधीश इवांस ने शंकरन की जमानत छह जून, 2012 तक के लिए बढ़ा दी। नौसेना के पूर्व प्रमुख अरुण प्रकाश के रिश्तेदार 46 वर्षीय शंकरण को इंटरपोल के रेड कार्नर नोटिस के आधार पर पिछले साल मई में लंदन में गिरफ्तार किया गया था। भारत में उसका प्रत्यर्पण कराने के लिए प्रयासरत केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उनके खिलाफ इंटरपोल का रेड कार्नर नोटिस जारी करवाया था।
सेवानिवृत नौसेना कमांडर शंकरन पर 2005 के स्कोर्पियो सौदे घोटाले में संवेदनशील गोपनीय सूचना की नौसेना वार रूम से तस्करी करने और पनडुब्बी निर्माणकर्ता कंपनी को लीक करने का आरोप है। प्रत्यर्पण का विरोध कर रहा शंकरन आज सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद था।
(एजेंसी)
First Published: Friday, December 30, 2011, 20:40