Last Updated: Saturday, September 21, 2013, 00:18

कोलंबो : श्रीलंका के तमिल बहुल उत्तरी प्रांत (नार्दर्न प्रोविंस) के मतदाता आज क्षेत्र में परिषद चुनने के लिए मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इस क्षेत्र में चार साल पहले सेना द्वारा लिट्टे को मात दी गई थी और क्षेत्र में 25 साल बाद चुनाव हो रहे हैं।
ऐतिहासिक चुनावों की पूर्व संध्या पर, देश के मुख्य तमिल दल तमिल नेशनल एलाइंस (टीएनए) की एक उम्मीदवार पर जाफना में हमला हुआ लेकिन वह बाल बाल बच गईं।
मध्यरात्रि में अज्ञात हथियारबंद लोगों के एक समूह ने अनंथी शशिथरन के एरियालाई स्थित घर पर हमला किया। इस हमले में नौ लोग घायल हो गये जिनका इलाज जाफना अस्पताल में चल रहा है।
एक वकील ने कहा कि उन्हें आशंका है कि हमलावर सेना के थे। हालांकि सेना ने इन आरोपों को खारिज किया।
सेना ने इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर उपस्थिति बनाये रखी है।
तमिल बहुल नार्दर्न प्रोविंस एकमात्र ऐसा प्रांत है जिसका कभी अपना परिषद नहीं रहा लेकिन इन चुनावों पर कई तरह के आरोप भी लग रहे हैं।
हालांकि ये चुनाव काफी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि श्रीलंका में तीन दशक लंबा जातीय संघर्ष चार साल पहले वर्ष 2009 में समाप्त होने के बाद चुनाव पहली बार हो रहे हैं।
उत्तरी क्षेत्र के अलावा मध्य और उत्तरपश्चिमी प्रांतों में भी कल परिषद के चुनाव होंगे। इन तीन प्रांतों में कुल एक करोड़ 40 लाख में से 43 लाख मतदाता हैं। इन चुनावों के लिए 24 हजार पुलिस और सुरक्षाकर्मी सहित 40 हजार सरकारी अधिकारियों को तैनात किया गया है।
हालांकि मुख्य ध्यान जाफना में है जहां कुल सात लाख 14 हजार मतदाता अर्धस्वायत्त परिषद के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
टीएनए के इस क्षेत्र में जीत दर्ज करने की संभावना है। इसका मुख्य प्रतिद्वंद्वी दल राष्ट्रपति महिन्द्रा राजपक्षे नीत सत्तारूढ़ यूनाइटेड पीपुल्स फ्रीडम एलाइंस है।
उत्तरी प्रांत की 36 सीटों के लिए करीब 906 उम्मीदवार हैं जो वर्ष 1987 में भारत श्रीलंका समझौते के बाद किये गये 13वें संविधान संशोधन के बाद गठित परिषदों के पहले चुनाव के गवाह बनेंगे। (एजेंसी)
First Published: Saturday, September 21, 2013, 00:18