Last Updated: Monday, January 16, 2012, 15:01
कोलंबो: श्रीलंका दौरे पर पहुंचे विदेश मंत्री एस एम कृष्णा मंगलवार को जब यहां के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करेंगे तो बातचीत के एजेंडे में विस्थापित तमिलों की समस्या और भारत की मदद से चल रही विकास की प्रक्रिया की समीक्षा के मुद्दे सबसे उपर रहेंगे।
कृष्णा श्रीलंकाई राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे, प्रधानमंत्री डी एम जयरत्ने और अपने समकक्ष जी एल पीरिस से मुलाकात करने के अलवा व्यापक मुद्दे पर बातचीत करेंगे। कोलंबो के भंडारनायके अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पीरिस ने खुद कृष्णा का स्वागत किया। इसके बाद दोनों वीआईपी लॉंज की ओर से रवाना हो गए।
विशेष विमान में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने बताया कि कृष्णा 2009 के बाद विकास के लिए लिए किए गए सहयोग की समीक्षा करेंगे और विस्थापित तमिलों के लिए 49,000 आवासों के निर्माण से जुड़े एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करेंगे।
अकबरूद्दीन ने कहा, श्रीलंका में लेसंस लंर्ट एंड रिकंसिलिएशन कमिशन (एलएलआरसी) की रिपोर्ट जारी होने की पृष्ठभूमि में विदेश मंत्री का यह दौरा हो रहा है। भारत ने इस पर शुरुआती टिप्पणी की थी। इस यात्रा पर हम इस बारे में श्रीलंका के साथ गहन बातचीत करेंगे।
अकबरूद्दीन ने कहा कि भारत की हमेशा यही स्थिति रही है कि जातीय समस्या का समाधान राजनीतिक रूप से निकाला जाना चाहिए और श्रीलंका को अपने संविधान के 13वें संशोधन को लागू करना चाहिए। संविधान का 13वां संशोधन श्रीलंका के उत्तरी इलाकों में सत्ता के हस्तांतरण की बात करता है। इन इलाकों में 2009 तक लिट्टे का शासन हुआ करता था।
कृष्णा मंगलवार कोलंबो में भारतीय शांतिरक्षक बल की याद में बने स्मारक का भी दौरा करेंगे। इस स्मारक पर जाने वाले वह पहले भारतीय नेता होंगे। मंगलवार को सुबह राजपक्षे के साथ मुलाकात के दौरान कृष्णा के सभी द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत करने की उम्मीद है। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि विकास के लिए भारत की ओर से दिया गया सहयोग भी बातचीत के एजेंडे में शामिल रहेगा। (एजेंसी)
First Published: Monday, January 16, 2012, 20:32