Last Updated: Tuesday, September 24, 2013, 16:11
कोलंबो : तमिल बहुल उत्तरी क्षेत्र में पिछले 25 सालों में पहली बार हुए चुनावों के दौरान श्रीलंकाई सेना ने तमिल मतदाताओं और उम्मीदवारों को डराया धमकाया। विदेशी पर्यवेक्षकों ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।
तमिल नेशनल एलायंस द्वारा नार्दर्न प्रांत में 38 में से 30 सीटों पर जीत हासिल करने के एक दिन बाद राष्ट्रमंडल पर्यवेक्षक मिशन ने कल कहा, चुनाव प्रचार अभियान के दौरान सेना की भूमिका को लगातार एक बड़ी बाधा बताया जाता रहा। मिशन ने कहा कि सेना के प्रभाव, कुछ चुनिंदा उम्मीदवारों के प्रति सेना के समर्थन, कुछ उम्मीदवारों के लिए सेना द्वारा प्रचार अभियान चलाए जाने और मतदाताओं को डराने धमकाने में सेना की भूमिका मुख्य चिंता का विषय रही।
राष्ट्रमंडल देशों के इस चार सदस्यीय दल की अध्यक्षता केन्या के पूर्व उप राष्ट्रपति स्टीफन कोलोंजो मुसायोका ने की। इस समूह में भारत, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल , मालदीव और पाकिस्तान के पर्यवेक्षक भी शामिल थे जिसकी अगुवाई पूर्व भारतीय मुख्य निर्वाचन आयुक्त एन गोपालस्वामी ने की थी। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, September 24, 2013, 16:11