Last Updated: Thursday, November 10, 2011, 03:26
मालदीव: भारत-पाक संबंधों के सामान्यीकरण की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पाकिस्तान के उनके समकक्ष युसुफ रजा गिलानी ने उदार वीजा नियमों को जल्द से जल्द लागू करने की इच्छा जताई।
दक्षेस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए मनमोहन सिंह और गिलानी के बीच तकरीबन एक घंटे की बातचीत के दौरान सिंह ने गिलानी से कहा कि मुंबई हमले के दोषियों को कानून के दायरे में लाना जरूरी है।
सिंह ने कहा कि दोनो पक्ष द्विपक्षीय संबंधों में अब तक हुई प्रगति से खुश हैं। उन्होंने कहा कि आरोप प्रत्यारोप के दौर को पीछे छोड़ देना चाहिए। सिंह ने संवाददाताओं के साथ संक्षिप्त संवाद में कहा, ‘ अब तक हुई प्रगति से हम खुश हैं।’
भारतीय प्रधानमंत्री की राय से इत्तिफाक रखते हुए गिलानी ने कहा, ‘ हमारी मुलाकात बहुत अच्छी रही। हम सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।’
सिंह-गिलानी मुलाकात के बाद विदेश सचिव रंजन मथाई ने संवाददाताओं को बताया कि दोनो प्रधानमंत्रियों की राय में दोनो पड़ेासी देशों के बीच जिस उदार वीजा प्रणाली पर बातचीत चल रही है उसे जल्द से जल्द लागू कर दिया जाना चाहिए।
सिंह और गिलानी के बीच इस वर्ष यह दूसरी मुलाकात है। इससे पहले गिलानी मोहाली में भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए विश्व कप क्रिकेट का सेमीफाइनल मुकाबला देखने आए थे और भारतीय प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी। पिछले 18 महीने में दोनो नेताओं के बीच यह तीसरी बैठक है।
पिछले साल भूटान में 16वें दक्षेस शिखर सम्मेलन से इतर भी दोनो नेताओं ने बात की थी।बैठक के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि अगले दौर की बातचीत कहीं अधिक सार्थक होगी और दोनो देशों को एक दूसरे के और करीब लाएगी। अपने पाकिस्तानी समकक्ष की तारीफ के पुल बांधते हुए मनमोहन सिंह ने कहा, ‘ मैंने प्रधानमंत्री गिलानी को हमेशा अमन पसंद व्यक्ति के तौर पर देखा।’
गिलानी ने कहा कि बैठक में कश्मीर, सर क्रीक और व्यापार सहित तमाम मूल द्विपक्षीय मामलों पर चर्चा की गई।
पिछले सप्ताह पाकिस्तान द्वारा भारत को सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र का दर्जा देने का अहम फैसला 18 महीने पहले थिंपू में दोनो देशों के बीच हुई बातचीत का सिलसिला उसी सकारात्मक माहौल में आगे बढ़ाने की वजह साबित हुआ। भारत ने 16 वर्ष पहले पाकिस्तान को यह दर्जा दिया था।
इसके अलावा पाकिस्तान ने पिछले महीने रास्ता भटक कर नियंत्रण रेखा के पार पाक अधिकृत कश्मीर में चले गए भारतीय वायुसेना के हेलीकाप्टर को लौटा कर भी अपने नेक इरादे जाहिर किए थे। भारत ने भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थायी सीट के लिए पाकिस्तान की दावेदारी का समर्थन करके अच्छे पड़ौसी का धर्म निभाया था।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ हमने पिछले वर्ष थिंपू में एक नयी प्रक्रिया की शुरूआत की थी। उस बातचीत के सकारात्मक परिणाम आए, लेकिन अभी और प्रयास किए जाने की जरूरत है। इसलिए हमने इस बातचीत को इस उम्मीद के साथ शुरू करने का फैसला किया कि संबंधों को बेहतर बनाने वाले मामलों पर ही बात की जाएगी।’
सिंह ने कहा, ‘ मैं खुश हूं कि प्रधानमंत्री गिलानी ने उनके इस ख्याल से सहमति जताई कि हमारे पास अनूठा अवसर है इसलिए बातचीत का अगला दौर कहीं ज्यादा सार्थक और परिणामोन्मुखी तथा दोनो देशों को और करीब लाने वाला होना चाहिए।’
गिलानी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान का समर्थन करने के लिए भारत का धन्यवाद किया। दोनो देशों के शासनाध्यक्षों के बीच हिंद महासागर के शांगरीला रिसोर्ट में मुलाकात हुई। जिसमें मुंबई हमले के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ पाकिस्तान द्वारा कार्रवाई किए जाने की जरूरत और हाल में भारत को सर्वाधिक तरजीही देश का दर्जा दिए जाने के पाकिस्तान के फैसले सहित विभिन्न मामलों पर विस्तार से चर्चा की गई। इसके बाद दोनो देशों के प्रतिनिधिमंडलों के बीच बैठक के बाद दोनो नेताओं में अलग से मुलाकात हुई।
प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों में विदेश मंत्री एस एम कृष्णा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन और विदेश सचिव रंजन मथाई शामिल हैं।
पाकिस्तान की तरफ से उनकी विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार, विदेश सचिव सलमान बशीर और गृह मंत्री रहमान मलिक ने बैठक में शिरकत की।
सिंह-गिलानी बैठक से पहले कृष्णा ने बुधवार को कम से कम तीन बार खार से मुलाकात की। कृष्णा ने कहा कि दोनो देशों के बीच अविश्वास की धुंध छंट रही है हालांकि उन्होंने पाकिस्तान से कहा कि वह अपनी जमीन से आतंकवाद की इजाजत न दे। इसके जवाब में खार ने कहा कि उनका देश अपनी धरती से आतंकी हमले होने की इजाजत नहीं देगा।
खार ने जोर देकर कहा कि उनका देश भारत को सर्वाधिक तरजीही देश का दर्जा देने के अपने फैसले से पीछे नहीं हटेगा। खार ने पाकिस्तान के इस फैसले को दोनो देशों के बीच रिश्तों को सामान्य बनाने की कोशिशों का हिस्सा बताया।
याद रहे कि भारत ने 16 वर्ष पहले पाकिस्तान को विशेष तरजीही राष्ट्र का दर्जा दिया था। खार ने कहा, ‘ भारत के साथ रिश्ते मुश्किल और पेचीदा हैं और हम चाहते हैं कि आने वाले रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए वर्तमान में प्रयास किए जाएं बजाए इसके कि बीते हुए कल के आधार पर आज के रिश्ते तय करें।’
(एजेंसी)
First Published: Friday, November 11, 2011, 09:46