Last Updated: Wednesday, January 18, 2012, 04:53
इस्लामाबाद : पाकिस्तान में सरकार और न्यायपालिका के बीच टकराव बढ़ता दिख रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने पहले प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी पर डंडा चलाया, इसके बाद राष्ट्रपति जरदारी के निकट सहयोगी और वकील बाबर अवान का लाइसेंस रद्द कर दिया। वकील का लाइसेंस अवमानना नोटिस पर कोई जवाब नहीं देने पर रद्द किया गया है। लेकिन सरकार ने अवान का लाइसेंस रद्द किए जाने के कुछ घंटे के भीतर ही उन्हें कानून मंत्री बनाने का ऐलान कर दिया।
बाबर अवान इससे पहले भी जरदारी सरकार में कानून मंत्री रह चुके हैं। वह निवर्तमान कानून मंत्री मौला बक्श चांदियो का स्थान लेंगे। सत्तारुढ़ पीपीपी के सीनियर नेता खुर्शीद शाह ने पत्रकारों को बताया कि अवान को कानून मंत्री बनाने का फैसला किया गया है। स्थानीय मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक अवान को आज रात मंत्री पथ की शपथ दिलाई जा सकती है।
इस बीच, भ्रष्टाचार के मामलों पर नजर रखने वाली पाकिस्तान की सबसे बड़ी संस्था राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) गिलानी के खिलाफ पीएम पद के दुरुपयोग का केस दर्ज करने पर विचार कर रही है। एनएबी यदि ऐसा कदम उठाता है और गिलानी दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें 14 साल की जेल हो सकती है।
मेमोगेट प्रकरण के बाद अपनी ही सेना से मुकाबिल पाकिस्तान की सरकार अब अदालत के निशाने पर है। राष्ट्रपति जरदारी पर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज नहीं करने से खफा सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रधानमंत्री गिलानी के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया। गिलानी को 19 जनवरी को अदालत में खुद आकर जवाब देने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने जरदारी के खिलाफ स्विट्जरलैंड में रिश्वतखोरी के मुकदमे फिर से खोले जाने में ढिलाई को लेकर पीपीपी की अगुवाई वाली सरकार को फटकार लगाई है।
First Published: Wednesday, January 18, 2012, 10:23