Last Updated: Friday, September 7, 2012, 23:51

इस्लामाबाद: पाकिस्तान में पिछले 20 सालों से मौत की सजा पाए, लाहौर की जेल में बंद भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह के मामले में पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने आश्वास्त किया कि वह इस मामले पर विचार करेंगे। इससे सरबजीत के परिवार के सामने उसकी रिहाई को लेकर नयी उम्मीद जगी है।
पाकिस्तान की यात्रा पर गए भारत के विदेश मंत्री एसएम कृष्णा के साथ शुक्रवार को अपनी मुलाकात के दौरान जरदारी ने उन्हें यह भरोसा दिलाया।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जरदारी ने पाकिस्तानी अधिकारियों से सरबजीत के मामले से संबंधित विवरण जुटाने को कहा है।
सरबजीत को 1990 में पाकिस्तान के पंजाब में हुए बम हमलों में कथित तौर पर शामिल होने के मामले में दोषी पाया गया था और मौत की सजा सुनायी गयी थी। इन बम धमाकों में 14 लोग मारे गए थे।
सरबजीत लगतार यह कहता आया है कि यह मामला गलत पहचान से जुड़ा हुआ है।
हाल ही में सरबजीत ने आरोप लगाया था कि लाहौर जेल के अधिकारी उसे ‘दूषित’ खाना दे रहे हैं जिसे ‘खाना मुश्किल’ है और उनके साथ र्दुव्यवहार किया जा रहा है।
इससे पहले आज दिन में पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक ने कहा कि पाकिस्तान ने र्दुव्यवहार की शिकायतों के बाद सरबजीत को वाणिज्य दूतावास से संपर्क करने की विशेष सुविधा दी है। यह सुविधा उसे दो दिन पहले दी गयी। मलिक ने साथ ही कहा कि सरबजीत के साथ सही व्यवहार किया जाएगा।
इस साल मई में सरबजीत ने राष्ट्रपति जरदारी के समक्ष दया की नयी अपील भेजी थी। अब तक सरबजीत राष्ट्रपति के समक्ष पांच बार माफी की अपील कर चुके हैं। माफी के मामले पर मलिक ने कहा कि इस मामले में कानून के अनुरूप फैसला किया जाएगा। (एजेंसी)
First Published: Friday, September 7, 2012, 22:46