Last Updated: Saturday, December 1, 2012, 11:31

लंदन : आयरलैंड में भारतीय दंतचिकित्सक सविता हलप्पनावर की मौत की जांच में यदि यह बात सामने आती है कि वैसी ही स्थिति में अन्य महिलाओं को ‘गंभीर खतरा’ उत्पन्न हो सकता है तो स्वास्थ्य सूचना प्राधिकरण देश के अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं की देखभाल की और जांच कर सकता है।
स्वास्थ्य सूचना एवं गुणवत्ता प्राधिकरण (एचआईक्यूए) ने कल सविता के मौत मामले की अपनी जांच के लिए विचारार्थ विषय जारी किए और कहा कि यदि यह बात सामने आती है कि भविष्य में ऐसी स्थिति में अन्य महिलाओं के लिए ‘गंभीर खतरा’ उत्पन्न हो सकता है तो वह और आगे जांच या नए सिरे से जांच की सिफारिश कर सकता है।’
31 वर्षीया सविता की गत 28 अक्तूबर को गैलवे यूनीवर्सिटी अस्पताल में मौत हो गई थी। वह 17 सप्ताह की गर्भवती थी। उसके गर्भ में कुछ जटिलता आ गई और जहर फैलने के चलते उसकी मौत हो गई। सविता के पति प्रवीण ने कहा कि उन्होंने कई बार उसका गर्भपात करने को कहा लेकिन इससे इस आधार पर इनकार कर दिया गया कि भ्रूण के दिल की धड़कन चल रही है और यह कैथोलिक देश है।
प्रवीण ने हालांकि कहा कि वह इस जांच में हिस्सा नहीं लेंगे। वह सार्वजनिक जांच शुरू करने के अपने प्रयास के लिए यूरोपीय मानवाधिकार अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। (एजेंसी)
First Published: Saturday, December 1, 2012, 11:31