Last Updated: Tuesday, December 6, 2011, 12:49
वाशिंगटन : अमेरिकी उप विदेश मंत्री विलियम बर्न्स की इस माह के अंत में होने वाली नई दिल्ली की यात्रा से पूर्व भारत और अमेरिका द्वारा असैन्य परमाणु करार के क्रियान्वयन के लिए साझा आधार तैयार किए जाने की संभावना है ।
साथ ही दोनों पक्ष इस मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से बयानबाजी से परहेज का प्रयास कर रहे हैं। भारत के परमाणु दायित्व कानून के कारण यह मुद्दा विवाद का विषय बना हुआ है और बर्न्स की विदेश सचिव रंजन मथाई तथा अन्य अधिकारियों के साथ होने वाली बैठक में इस मुद्दे के प्रमुखता से छाए रहने की संभावना है।
सूत्रों ने इस बात को रेखांकित किया कि पिछले महीने भारत सरकार द्वारा गजट अधिसूचना जारी किए जाने के बाद इस मुद्दे पर कड़ी आपत्तियों के बावजूद ओबामा प्रशासन ने इस पर अपने विचार व्यक्त नहीं करने का फैसला किया है। समझा जाता है कि विवादास्पद परमाणु दायित्व मुद्दे पर भारत और अमेरिका एक दूसरे पर सार्वजनिक रूप से अंगुली नहीं उठाने पर सहमत हो गए हैं और कोई साझा हल तलाशने के लिए भीतर ही भीतर काम कर रहे हैं।
इस नए रुख के परिणाम यह हुए हैं कि अमेरिकी सरकार ने क्रियान्वयन नियमों को लेकर सार्वजनिक रूप से कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया और भारत के साथ शांतिपूर्ण कूटनीति से काम लेने का फैसला किया।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 6, 2011, 18:19