Last Updated: Friday, November 30, 2012, 21:18
बीजिंग : राष्ट्रीय रक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन की चीन यात्रा से पहले भारत के साथ सीमा विवाद के मुद्दे को लेकर चीनी नेताओं का रूख आज सकारात्मक नजर आया।
चीन का कहना है कि इस मुद्दे पर दोनों पक्षों की कई बातें समान हैं और वार्ता में काफी सकारात्मक प्रगति हुई है। अगले सप्ताह सोमवार से शुरू हो रहे मेनन के दो दिवसीय दौरे पर पूछे गए सवालों के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग ली ने जानकारी दी, ‘वर्षों से चीन-भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में सामान्य तौर पर परिस्थिति शांतिपूर्ण और स्थाई ही रही है।’
उन्होंने कहा, ‘सीमा विवाद को शांतिपूर्ण और दोस्ताना बातचीत के जरिए हल करने के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच कई समानताएं हैं। विशेष प्रतिनिधियों की बैठकों में भी साकारात्मक प्रगति हुई है।’ सीमा विवाद को सुलझाने के लिए भारत-चीन के बीच अभी तक 15 दौर की वार्ता हो चुकी है।
भारत का कहना है कि सीमा विवाद अरुणाचल प्रदेश के 4,000 किलोमीटर क्षेत्र पर है जबकि चीन इसे महज 2,000 किलोमीटर तक ही सीमित कर देता है। चीन में अरुणाचल प्रदेश के इस क्षेत्र को दक्षिणी तिब्बत के नाम से जाना जाता है। होंग ने कहा, ‘इस मुद्दे का पारदर्शी, तर्कपूर्ण और परस्पर स्वीकार्य हल निकालने के लिए चीन शांतिपूर्ण, मित्रवत, समान विमर्श, परस्पर सम्मान और परस्पर समझ के आधार पर द्विपक्षीय वार्ता को आगे बढ़ाने को तैयार है।’ उन्होंने कहा, ‘जब तक सीमा विवाद पर अंतिम निर्णय नहीं आता, चीन दोनों देशों की सीमा पर शांति और स्थायित्व बनाए रखने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करना चाहेगा।’
इससे पहले होंग ने कहा था कि मेनन का बीजिंग दौरा चीन के लिए बहुत महत्व रखता है। चीन के नए नेतृत्व के साथ भारत के औपचारिक संपर्क की शुरुआत करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिव शंकर मेनन तीन दिसंबर को चीन के दो दिवसीय दौरे पर यहां आ रहे हैं। मेनन के दौरे की मुख्य फोकस द्विपक्षीय संबंध होंगे। इस दौरान वे सीमा विवाद संबंधी वार्ता पर अपने समकक्ष दाई बिंगगुबो से भी मिलेंगे। (एजेंसी)
First Published: Friday, November 30, 2012, 21:18