Last Updated: Tuesday, September 10, 2013, 21:45
वॉशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को सीरिया में सैन्य हस्तक्षेप संबंधी प्रस्ताव पर विपक्षी रिपब्लिकन सीनेटरों और खुद डेमोक्रेटिक सांसदों से विरोध का सामना करना पड़ा जिसकी वजह से सीनेट में बहुमत के नेता (सीनेट मेजॉरिटी लीडर) हैरी रीड को प्रस्ताव पर मतदान टालना पड़ा।
मीडिया की एक खबर में कहा गया है कि सीरिया में असद शासन के खिलाफ सैन्य हमले के लिए सीनेट की मंजूरी पाने की खातिर जरूरी वोटों में से ओबामा को 50 वोट कम मिल सकते हैं। अब तक केवल छह डेमोक्रेटिक सीनेटरों ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने की घोषणा सार्वजनिक रूप से की है और यह संख्या बढ़ सकती है। अलग अलग साक्षात्कारों में ओबामा ने खुद कहा है कि उन्हें भी इस बात का पूरा विश्वास नहीं है कि पर्याप्त वोट मिल पाएंगे।
पोलिटिको की कल की खबर में कहा गया है, हालात के जानकार कई सूत्रों के अनुसार, सीरिया पर अमेरिकी हमले को लेकर ओबामा के सहयोगियों और उनकी अपनी ही पार्टी में पूर्व सहयोगियों के बीच विरोध बढ़ता जा रहा है। यह इस बात का साफ संकेत है कि सीनेट की मंजूरी के लिए जरूरी 50 वोटों की कमी हो सकती है।
प्रवक्ता ने इसके साथ ही इस बात पर जोर दिया कि भारत ने सीरियाई संघर्ष पर सैन्य हल का पहले ही विरोध जता दिया है और प्रस्तावित ‘सीरिया पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन’ (जिनेवा-द्वितीय) को एक सर्वश्रेष्ठ राजनीतिक हल की संभावना बताते हुए उसका समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि ये सभी तेजी से सामने आने वाले घटनाक्रम हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनके सहयोगी सीरिया द्वारा कथित रसायनिक हमले की प्रतिक्रिया में असद सरकार के खिलाफ सैन्य हमले का समर्थन कर रहे हैं। ओबामा प्रशासन का दावा है कि रसायनिक हमला सीरियाई सेना द्वारा किया गया था जिसमें 400 बच्चों सहित 1400 से अधिक लोग मारे गए। संयुक्त राष्ट्र की जांच टीम ने सीरिया से नमूने एकत्रित किये हैं और उसे जांच के लिए प्रयोगशालाओं में भेजा गया है ताकि रसायनिक हथियारों के इस्तेमाल की पुष्टि हो सके। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, September 10, 2013, 21:45