'सीरिया में हस्तक्षेप करना जल्दबाजी होगी' - Zee News हिंदी

'सीरिया में हस्तक्षेप करना जल्दबाजी होगी'

वॉशिंगटन : अमेरिका ने कहा है कि फिलहाल सीरिया में हस्तक्षेप करना बहुत मुश्किल है और वहां तब तक विपक्षी बलों को वह हथियार मुहैया नहीं कराना चाहता जब तक उन बलों की पहचान स्पष्ट न हो जाए।

 

अमेरिका के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल मार्टिन डेम्प्से ने सीएनएन को दिए एक साक्षात्कार में कहा ‘मेरे विचार से फिलहाल सीरिया में हस्तक्षेप करना बहुत मुश्किल है। मेरी राय में सीरिया में विपक्षी आंदोलनकारियों को हथियार देने का फैसला जल्दबाजी भरा होगा क्योंकि अभी तक उनकी पहचान पूरी तरह साफ नहीं हुई है।’

 

पिछले सप्ताह 50 से अधिक जानेमाने कंजर्वेटिव सदस्यों ने ओबामा प्रशासन को अपने हस्ताक्षर वाला एक पत्र भेजा गया था जिसमें सीरियाई प्रशासन के खिलाफ तत्काल कार्रवाई शुरू करने की मांग की गई थी। इसमें विपक्षी आंदोलनकारियों को ‘आत्मरक्षा में मदद’ की खातिर हथियार देने की भी बात शामिल थी डेम्प्से ने कहा कि सीरिया से तुर्की, रूस, ईरान सहित कई देशों के हित जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे समूहों की कमी भी नहीं है जो इस मुद्दे को क्षेत्रीय नियंत्रण के लिए शिया-सुन्नी के बीच स्पर्धा मानते होंगे।

 

अमेरिका के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष ने कहा कि सीरिया लीबिया जैसे देशों की तुलना में बिल्कुल अलग चुनौती पेश कर रहा है। लीबिया में तो मुअम्मर कज्जाफी के शासन को खत्म करने के लिए पश्चिमी देशों ने विपक्षी बलों को सैन्य मदद दी थी। ‘लेकिन सीरिया के मामले में स्थिति बिल्कुल अलग है। सीरियाई सेना पूरी तरह सक्षम है। उनके पास अत्याधुनिक, एकीकृत हवाई रक्षा प्रणाली है। उनके पास रसायनिक और जैविक हथियार हैं। अभी तक उन्होंने इनके उपयोग में न तो कोई दिलचस्पी दिखाई है और न ही इनके इस्तेमाल के इरादे के संकेत दिए हैं। लेकिन वहां की सैन्य समस्या बिल्कुल अलग है।’

 

उन्होंने कहा ‘हम बेहतरीन खुफिया जानकारी जुटाने का प्रयास कर रहे हैं ताकि वहां से मदद मांगे जाने की स्थिति में उन्हें मदद कर सकें। लेकिन अभी तक हमसे ऐसा करने को नहीं कहा गया है।’ पेंटागन के कमांडर ने कहा कि अमेरिका सीरिया पर अंतरराष्ट्रीय सहमति बनाने का प्रयास कर रहा है। कोई भी एकतरफा फैसला करने के बजाय अंतरराष्ट्रीय सहमति बनाने का रास्ता बेहतर है।’

(एजेंसी)

First Published: Monday, February 20, 2012, 13:02

comments powered by Disqus