Last Updated: Wednesday, November 30, 2011, 12:59
बीजिंग : अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के म्यामांर दौरे को चीन अपने वर्चस्व के लिए चुनौती के रूप में देख रहा है। यहां की सरकारी मीडिया में इस तरह के संदेह खड़े किए जा रहे हैं कि कहीं म्यामां पाला तो नहीं बदल रहा है।
चीन की चिंता इसलिए बढ़ी है कि क्योंकि बीते 50 वर्षों में पहली बार कोई अमेरिकी विदेश मंत्री म्यामांर का दौरा कर रहा है। सरकारी समाचार पत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ न अपने संपादकीय में कहा है कि हिलेरी की यात्रा से संकेत मिल रहे हैं कि अमेरिका म्यामां पर वर्चस्व कायम करने का प्रयास कर रहा है।
अखबार ने कहा कि यह सुनिश्चित है कि अमेरिका और चीन म्यामांर पर वर्चस्व कायम करने का प्रयास कर रहे हैं। अमेरिका को चीन पर कई तरह के लाभ हैं। अमेरिका लंबे समय के बाद म्यामांर के साथ अपने रिश्ते को सुधारने का भरपूर प्रयास कर रहा है। संपादकीय में कहा गया है कि चीन ने पाकिस्तान में बहुत कुछ किया है, लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि वहां अमेरिका का वर्चस्व कम हो गया है।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 30, 2011, 18:29