Last Updated: Wednesday, January 23, 2013, 11:03

वाशिंगटन : अमेरिका ने लश्कर ए तैयबा के अमेरिका में जन्मे आतंकवादी डेविड हेडली को मुंबई हमले और अन्य आतंकवादी गतिविधियों में उसकी भूमिका के लिये 30 से 35 साल कैद की सजा दिये जाने का अनुरोध किया है ।
अटार्नी जनरल गैरी एस शप्रियो ने अमेरिका सरकार की स्थिति को बताने वाले 20 पृष्ठ के दस्तावेज में कहा कि सरकार का मानना है कि तथ्यों को ध्यान में रखते हुये हेडली के लिए 30 से 35 साल कैद की सजा ठीक रहेगी।
शप्रियो ने कहा कि इस बात का कोई सवाल ही नहीं है कि उसका आपराधिक व्यवहार निंदनीय था लेकिन उसके सहयोग का फैसला भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसने सरकार के आतंकवाद से लड़ने के प्रयासों में और सरकार के सिफारिशों में मदद की । अमेरिका सरकार 30 से 35 साल सजा दिये जाने की मांग कर रही है जो उसके द्वारा तहव्वुर हुसैन राणा के मामले में मांगी गई सजा से बहुत कम है जिसे संघीय ग्रैंड ज्यूरी ने लश्करे तैयबा की साजोसामान की मदद और कोपेनहेगन में एक डेनमार्क के समाचार पत्र पर हमले की साजिश रचने का दोषी करार दिया है ।
पिछले सप्ताह अदालत ने राणा को 14 साल जेल की सजा और बाद में रिहा होने पर पांच साल तक निगरानी में रहने की सजा दी है ।
अमेरिका सरकार ने कहा कि हेडली ने एक भीषण आतंकवादी हमले की योजना बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । उसने कहा कि भारत में हेडली के टोह लेने से करीब 164 पुरूष, महिलायें और बच्चे मारे गये तथा कई लोग घायल हो गये थे।
शप्रियो ने कहा कि नंवबर 2008 में मुंबई में इतने लोगों के मारे और विनाश के बावजूद हेडली ने दो महीने से कम समय बाद डेनमार्क का दौरा किया ताकि वहां एक और आतंकवादी हमले की योजना बनाने के लिये टोह ली जा सके ।
शप्रियो ने कहा कि हेडली ने न केवल वषरे तक लश्करे तैयबा बल्कि अलकायदा के सदस्यों के निर्देशन में काम किया । अमेरिकी अटार्नी ने कहा कि इस बात में कोई शक नहीं कि हेडली के बेहद गंभीर अपराध के लिये आजीवन कारावास की सजा उचित रहेगी लेकिन इस चीज को भी ध्यान में रखना चाहिये कि उसने जांच में काफी सहयोग किया । इस बीच अमेरिका सरकार ने कहा है कि गिरफ्तारी के बाद हेडली ने जो सूचनायें मुहैया कराई वह सरकार तथा उसके सहयोगियों विशेषकर भारत के लिये अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद से निपटने में काफी महत्वपूर्ण रही । (एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 23, 2013, 09:36