Last Updated: Friday, March 30, 2012, 10:43
वाशिंगटन : पेंटागन के एक शीर्ष अधिकारी ने आज कहा कि पाकिस्तान यदि संवेदनशील अफगान आपूर्ति मार्ग को नहीं खोलता है तो अमेरिका को भारत और उत्तरी वितरण नेटवर्क पर निर्भर होना पड़ेगा। पेंटागन के इस अधिकारी ने कांग्रेस की एक उप समिति के समक्ष अपनी गवाही में सांसदों को भारतीय नेटवर्क के बारे में विस्तृत ब्यौरा नहीं दिया जिस पर वह अफगानिस्तान को अपनी महत्वपूर्ण आपूर्ति के लिए निर्भर हो सकता है।
मैरीन कोर के लेफ्टिनेंट जनरल तथा सैन्य उपकरणों तथा साजो सामान की तैनाती मामलों के उप कमांडर फ्रैंक पेंटर ने सांसदों को बताया कि यदि हम पाक जीएलओसी (ग्राउंड लाइंस आफ कम्युनिकेशन) को फिर से खुलवाने में सफलतापूर्वक कोई समझौता नहीं कर पाते हैं तो हमें पीछे हटकर भारत और उत्तरी वितरण नेटवर्क पर निर्भर होना पड़ेगा। कांग्रेस की सशस्त्र सेवा समिति की तैयारियों संबंधी उप समिति के समक्ष पेंटर ने अपनी गवाही में कहा कि ये दोनों महंगे विकल्प हैं और इससे लागत में वृद्धि होगी। इस्लामाबाद ने 26 नवंबर को सीमा पार से हुई गोलीबारी में 24 पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने के कारण नाटो के आपूर्ति मार्ग को बंद कर दिया था।
इसके साथ ही पेंटागन अधिकारी ने यह भी संकेत दिया कि यह (भारत) एक संवेदनशील मुद्दा है। पेंटर ने कहा कि हमेशा ही राष्ट्रों के बारे में संवेदनशील मुद्दा रहता है । हम भारतीय नेटवर्क से बात कर रहे हैं। यदि किन्हीं कारणों से इन देशों के संबंध में अतिरिक्त रजनीतिक तनाव होता है जो उससे भी आपूर्ति बाधित होती है। पाक जीएलओसी का इस्तेमाल नहीं कर पाने के कारण सेना की पुन: तैनाती अदि की लागत भी बढ़ जाती है।
सेना के लेफ्टिनेंट जनरल तथा डिप्टी चीफ आफ स्टाफ रेमंड मेसोन ने कहा कि पाक जीएलओसी महत्वपूर्ण है और यह नवंबर से ही बंद है। उन्होंने भी कहा कि उत्तरी वितरण नेटवर्क तीन-चार गुना अधिक महंगा है क्योंकि यह तीन चार गुना अधिक लंबा है और पेचीदा भी । इसमें कई तरह की चीजें शामिल हैं रेल, पोत , ट्रक। इसमें बार बार माल ढुलाई और लदाई में भी काम ,वक्त तथा पैसा लगेगा।
(एजेंसी)
First Published: Friday, March 30, 2012, 16:13