Last Updated: Wednesday, July 18, 2012, 17:07
वॉशिंगटन। पहले से ही आर्थिक मंदी की मार झेल रहे अमरीका पर अब सूखे के रूप में सबसे बड़ा खतरा मंडरा रहा है। नैशनल ओसियानिक ऎंड ऎटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) की रिपोर्ट के मुताबिक, अमरीका का 80 फीसदी हिस्सा असामान्य रूप से सूखा है और सूखे का असर पश्चिमी, मैदानी हिस्सों और मध्यपश्चिमी हिस्से में फैल गया है। 1956 के बाद से यह अब तक का सबसे बड़ा सूखा है।
इस सूखे से सिर्फ अमेरिका ही प्रभावित नहीं होगा बल्कि पूरी दुनिया पर खाद्यान संकट मंडरा सकता है। ज्ञात हो कि अमरीकी गेंहू, सोयाबीन और मक्के का आयात दुनियाभर में सबसे अधिक है। ऎसे में अमरीकी सूखे के प्रभाव से दुनिया भी नहीं बच पाएगी।
भारत पर भी बुरा असर
भारत भी अमेरिका से बड़ी मात्रा में सोयाबिन तेल का आयात करता है। खाने-पीने की कमी से जूझ रही दुनिया पर बड़ी मार पड़ने वाली है। कई खाद्य पदथोंü के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक देश अमेरिका इस बार भीषण सूखे की चपेट में है। अमरीकी मौसम विभाग, नैशनल ओसियानिक ऎंड ऎटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के मुताबि जून के आखिर तक अमरीकी महाद्वीप का 55 फीसदी हिस्सा गंभीर सूखे की चपेट में आ गया। इस सूखे की वजह से मक्के और सोयाबीन की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है और कई राज्यों के जंगलों में आग लगी हुई है। पिछले दिनों खबर थी कि 9 राज्यों में 19 स्थानों पर भीषण आग भी लगी हुई है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, July 18, 2012, 17:07