Last Updated: Saturday, September 29, 2012, 18:56

इस्लामाबाद : पाकिस्तान में आतंकवाद निरोधक एक अदालत के समक्ष अभियोजन पक्ष के पांच गवाहों ने भारत की आर्थिक राजधानी मुम्बई पर नवम्बर 2008 में हमला करने वाले आतंकवादियों के प्रशिक्षण के बारे में गवाही दी।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गवाह के रूप में गुप्तचर विभाग के कर्मियों और संघीय जांच एजेंसी के अधिकारी रावलंपिंडी स्थित आतंकवाद निरोधक अदालत के न्यायाधीश चौधरी हबीब उर रहमान के समक्ष पेश हुए। इन गवाहों ने अदियाला जेल में बंद कमरे में हुई सुनवायी के दौरान अपने बयान दर्ज कराए।
अदालत में आज हुई सुनवायी की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि गवाहों ने अदालत को उन प्रशिक्षण शिविरों के बारे में जानकारी दी जहां हमलावरों ने मुम्बई पर हमले की तैयारी की।
एफआईए के विशेष अभियोजक चौधरी जुल्फिकार अली ने कहा कि वह आज की सुनवायी के बारे में चर्चा नहीं कर सकते क्योंकि उससे ‘राष्ट्रीय हित’ जुड़ा हुआ है।
बहरहाल सूत्रों ने बताया कि पांच गवाहों की गवाही मुख्य तौर पर आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों पर केंद्रित रही जहां हमलावरों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया था। उनकी गवाही के बारे में आगे की जानकारी अभी नहीं मिल पायी है। न्यायाधीश ने गवाहों के बयान दर्ज करने के बाद मामले की सुनवायी 13 अक्तूबर तक स्थगित कर दी।
पाकिस्तानी संसद के ऊपरी सदन सीनेट की रक्षा और रक्षा उत्पादन संबंधी स्थायी समिति की ओर से कल आयोजित लोक सुनवायी के दौरान एफआईए के भूतपूर्व प्रमुख तारिक परवेज खोसा ने कहा था कि गुप्तचर अधिकारियों ने सिंध प्रांत में लश्कर-ए-तैयबा के दो प्रशिक्षण शिविरों का पता लगाया था जिसका इस्तेमाल मुम्बई पर आतंकवादी हमला करने वाले आतंकवादियों ने किया था।
मुम्बई आतंकवादी हमला मामले की जांच की निगरानी करने वाले खोसा ने कहा कि जांचकर्ताओं को सिंध प्रांत के थट्टा और प्रांतीय राजधानी कराची में लश्कर के प्रशिक्षण शिविर मिले थे।
लश्कर के कमांडर जकीउर रहमान लखवी के वकील ख्वाजा हारिस अहमद ने कहा कि बचाव पक्ष के वकील अगली सुनवायी के दौरान पांचों गवाहों से जिरह करेंगे। लखवी और छह अन्य संदिग्धों पर मुम्बई आतंकवादी हमले का षडयंत्र रचने, वित्त पोषण और हमले के लिए सुविधाएं मुहैया कराने के आरोप हैं जिसमें 166 लोग मारे गए थे। सभी संदिग्धों के खिलाफ सुनवायी विभिन्न तकनीकी कारणों से लगभग एक वर्ष से अधिक समय से लगभग ठप है। सुनवायी सुरक्षा कारणों से रावलपिंडी स्थित अदियाला जेल में बंद कमरे में हो रही है।
पाकिस्तानी अधिकारियों ने हाल में उस समय जेल की सुरक्षा बढ़ा दी थी जब गुप्तचर एजेंसियों ने यह कहा था तालिबान वहां बंद आतंकवादियों को रिहा कराने के लिए हमला कर सकता है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, September 29, 2012, 18:56