Last Updated: Wednesday, February 20, 2013, 18:39
बीजिंग : एक अमेरिकी साइबर सुरक्षा कंपनी ने बुधवार को अमेरिकी कंपनियों एवं संस्थाओं पर हुए साइबर हमलों के पीछे चीन की सेना का हाथ होने का आरोप लगाया। इस बीच चीन ने किसी भी तरह के साइबर हैकिंग में शामिल होने से इंकार किया और आरोपों को आधारहीन करार दिया।
अमेरिकी साइबर सुरक्षा कंपनी मैनडियांट ने अपनी 60 पृष्ठों की रिपोर्ट में कहा है कि शंघाई स्थित एक सरकार प्रायोजित हैकरों का समूह, जिसे रिपोर्ट में एपीटी-1 नाम दिया गया है, चीन द्वारा किए जा रहे साइबर हमलों का मुख्य कर्ता-धर्ता है। मैनडियांट की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि एपीटी-1 के काम करने का तरीका पीपुल्स लिबरेशन आर्मी यूनिट 61398 के जैसा है जिसका मुख्यालय शंघाई के पुडोंग जिले में स्थित है।
चीन की सेना ने बुधवार को चीन की सशस्त्र सेना के किसी भी तरह के साइबर हैकिंग में शामिल होने से इंकार किया है तथा इन आरोपों की तथ्यों एवं कानूनी रूप से आधारहीन होने पर निंदा की है। चीन के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जेंग यानशेंग ने एक संवादाता सम्मेलन के दौरान कहा, `साइबर सुरक्षा को बाधित करने वाले किसी भी तरह के कार्य को चीन के कानून में प्रतिबंधित किया गया है तथा चीन की सरकार साइबर अपराधों पर हमेशा कड़े कदम उठाती है।`
अमेरिकी सुरक्षा कंपनी हालांकि साइबर हैकरों एपीटी-1 को यूनिट 61398 की इमारत में ट्रेस कर पाने में असमर्थ रही है लेकिन कंपनी का विश्वास है कि आखिर इस छोटे से इलाके से ही इतने हमले क्यों हुए। मैंडियांट के अनुसार पिछले दो वर्षो से लगातार यह साइबर हमले हो रहे हैं तथा कुल 20 श्रेणियों में हुए हमलों की पहचान की गई है जिसमें सेना के ठेकेदारों से लेकर रासायानिक संयंत्र तक तथा टेलीकम्युनिकेशन कंपनियां शामिल हैं।
यानशेंग ने इस रिपोर्ट को निराधार बताते हुए कहा कि इस रिपोर्ट में यह निष्कर्ष सिर्फ इस आधार पर निकाला गया है कि साइबर हमले में प्रयुक्त कंप्यूटरों के आईपी पते चीन के हैं। यानशेंग कहते हैं कि गैर जिम्मेदार सूचनाओं का प्रसार करके समस्या का समाधान नहीं खोजा जा सकता। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, February 20, 2013, 18:39