Last Updated: Friday, February 15, 2013, 13:03
ज़ी न्यूज ब्यूरोनई दिल्ली: अगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील मामले में यूपीए सरकार की फैक्टशीट में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का भी नाम हैं। दरअसल सूत्रों के मुताबिक जब इटली की सरकार से अगस्टा वेस्टलैंड की डील हुई तब उस वक्त प्रणब मुखर्जी तत्कालीन रक्षा मंत्री थे। इतालवी कंपनी फिनमेकानिका के साथ हेलीकॉप्टर डील पर अंतिम मुहर उनके वक्त में ही लगी थी।
इतालवी कंपनी फिनमेकानिका के साथ भारत की 12 VVIP हेलीकॉप्टरों की डील तब हुई जब वर्ष 2005 में प्रणब मुखर्जी रक्षा मंत्री थे। सरकार की फैक्टशीट में यहा गया है कि इस टेंडर को 2005 में अंतिम रुप दिया गया और उस वक्त एसपी त्यागी वायु सेना प्रमुख थे।
फैक्टशीट में बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए शासन पर डील को लेकर आरोप मढ़े गए है जिसमें उस वक्त के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ब्रजेश मिश्रा की भूमिका पर सवाल उठाया गया है।
डील के फाइनल होने के समय एसपी त्यागी एयर चीफ मार्शल,पूर्व आईपीएस अधिकारी बीवी वांचू सीपीजी के मुखिया और एमके नारायणन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार थे। प्रणब मुखर्जी अब राष्ट्रपति हैं। वांचू गोवा के राज्यपाल हैं और नारायणन पश्चिम बंगाल के राज्यपाल है। राष्ट्रपति और राज्यपाल के पद की मर्यादा को देखते हुए उन्हें किसी भी तरह की जांच से संवैधानिक छूट मिली हुई है।
मंत्रालय की फैक्टशीट में कहा गया है कि एनडीए सरकार में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रहे ब्रजेश मिश्रा ने 2003 में टेंडर की शर्तो में बदलाव के लिए कहा था। उन्होंने 18,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरने की क्षमता की शर्त पर ढील देने और इसे घटाकर 15,000 फीट करने के लिए तत्कालीन वायुसेना अध्यक्ष को पत्र लिखा था।
मंत्रालय ने कहा कि वाजपेयी सरकार के समय साल 2003 में ही हेलीकॉप्टरों की आवश्यक तकनीकी जरूरतों को बदला गया था और इसमें तत्कालीन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ब्रजेश मिश्र ने प्रमुख भूमिका निभाई थी।
First Published: Friday, February 15, 2013, 09:58