Last Updated: Saturday, June 22, 2013, 00:32

नई दिल्ली : इटली में अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में सुनवाई शुरू होने के साथ ही भारत ने अदालत से कहा है कि उसका फैसला बाध्यकारी नहीं होगा और वहां मौजूद सभी संभावित कानूनी उपचार की मांग करने का उसके पास अधिकार होगा।
भारत इस मामले में पक्ष है। वह इतालवी अधिकारियों की जांच से जुड़े दस्तावेज 11 जुलाई के बाद पाने की उम्मीद कर रहा है जब इस मामले में दूसरी बार सुनवाई होना निर्धारित है।
मिलान स्थित इतालवी अदालत ने बुधवार को अपनी सुनवाई प्रक्रिया शुरू कर दी। यह मामला ब्रिटिश-इतालवी कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड से 2010 में 3,600 करोड़ रूपये में 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टर की खरीद में हुए 362 करोड़ रूपये के कथित घोटाले का है।
सूत्रों ने बताया कि पहली सुनवाई में भारत ने इतालवी अदालत को बताया कि चूंकि इस मामले में भारत एक प्रभावित पक्ष है इसलिए इस संबन्ध में उपलब्ध कानूनी उपचारों की मांग करने का अधिकार उसके पास है और इस मामले में आदेश उस पर बाध्यकारी नहीं होगा। इतालवी अदालत ने सुनवाई के प्रथम दिन स्वीकार किया था कि भारत सरकार और इतालवी शुल्क कार्यालय इस मामले में प्रभावित पक्ष हैं। यह उन्हें गवाहों से पूछताछ में भागीदारी करने और दोषपूर्ण फैसले की सूरत में क्षतिपूर्ति की मांग की इजाजत देता है।
रक्षा मंत्री एके एंटनी ने पहले ही ब्रिटिश-इतालवी कंपनी को एक कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि इटली में उसके (कंपनी के) खिलाफ लगे आरोपों के मद्देनजर उसका ठेका क्यों नहीं रद्द कर दिया जाए।
फिनमेक्कानिका और अगस्ता वेस्टलैंड के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को इस मामले में फरवरी में गिरफ्तार किया गया था और इटली में उनके खिलाफ मामला चल रहा है। (एजेंसी)
First Published: Friday, June 21, 2013, 21:07