Last Updated: Wednesday, May 9, 2012, 04:51
नई दिल्ली : पिछले चुनावों से सबक लेने का पार्टीजनों से आहवान करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज कहा कि नेताओं को गुटबाजी छोड़ कर एक अनुशासित टीम की तरह संघर्ष करना होगा क्योंकि आने वाले महीनों में पार्टी को कई राज्यों में चुनावों का सामना करना है।
कांग्रेस संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने कहा, ‘ हम सभी को सभी तरह की गुटबाजी छोड़कर , हर स्तर पर एक अनुशासित टीम की तरह संघर्ष करना है। यही एकमात्र महत्वपूर्ण कारक है जो तय करेगा कि हम हारेंगे या जीतेंगे।’
उन्होंने कहा, ‘ जनता को हमसे उम्मीदें हैं लेकिन यदि हम इस भावना को चुनावी जीत में बदलना चाहते हैं तो हमें जनता को अपनी प्रतिबद्धता और एकता दिखानी होगी।’
बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी भाग लिया। उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों के हालिया विधानसभा चुनावों के नतीजों पर टिप्पणी करते हुए सोनिया ने कहा, ‘ हम इस बात से संतोष कर सकते हैं कि पार्टी मणिपुर में तीसरी बार सत्ता में आयी है और उत्तराखंड में सरकार बनाने में कामयाब रही है लेकिन पंजाब और गोवा के नतीजे बहुत ही निराशाजनक हैं।’
सोनिया ने कहा, ‘ उत्तर प्रदेश में हालांकि हम उम्मीदों के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर सके लेकिन हमारा वोट प्रतिशत काफी बढ़ा है और 22 सालों में पहली बार हमें गंभीर दल के रूप में देखा गया। निश्चित ही अन्य राज्यों की तरह वहां भी अभी काफी काम करना बाकी है।’
सोनिया गांधी ने कहा कि आने वाले महीनों में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं को पिछले चुनावों से निश्चित रूप से सबक सीखना चाहिए। सोनिया ने कार्यकर्ताओं से कहा कि केन्द्र की कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार के कामकाज को भी जनता के बीच ले जाना चाहिए और विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्य सरकारों के खोखले दावों की पोल खोलनी चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इनमें से कुछ राज्यों में कुशासन और भ्रष्टाचार बड़े पैमाने पर फैला हुआ है जिसका खुलासा कैग और लोकायुक्त रिपोटरे में भी हुआ है। उन्होंने कहा कि यह राज्य स्तर पर पार्टी का काम है कि वह विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्य सरकारों की विफलताओं को उजागर करें।
सोनिया गांधी ने कहा, ‘ मैं यहां दोहराना चाहती हूं कि हम संघीय ढांचे को मजबूत करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं जो हमारी पार्टी और यूपीए के एजेंडे का महत्वपूर्ण बिंदु है। पिछले आठ सालों में केन्द्र की ओर से राज्यों को जो अभूतपूर्व वित्तीय सहायता दी गयी है , उससे अधिक अच्छा इसका क्या उदाहरण हो सकता है।’
(एजेंसी)
First Published: Thursday, May 10, 2012, 11:22