Last Updated: Sunday, August 5, 2012, 13:15

नई दिल्ली : राजग संयोजक शरद यादव ने राजनीतिक दल गठित करने की टीम अन्ना की घोषणा का स्वागत करने के साथ कहा कि उसके आंदोलन के कारण भ्रष्टाचार के खिलाफ संसद की मुहिम बाधित हुई थी। लेकिन अब एक बार फिर से इसे जोरदार ढंग से आगे बढ़ाया जाएगा।
शरद ने कहा, ‘पिछले वर्ष अन्ना हजारे जब अनशन पर बैठे, उससे पहले संसद के प्रयासों से कुछ नेताओं, अधिकारियों समेत 27 लोगों को जेल भेजा जा चुका था। लेकिन इनके (अन्ना और रामदेव) आंदोलनों के कारण वह लड़ाई रूक गई और निरंतरता टूट गई। अब जब अन्ना ने पार्टी बनाने और राजनीति में उतरने का निर्णय किया है तब एक बार फिर से संसद के माध्यम से इस संघर्ष को आगे बढ़ाया जाएगा।’ कालाधन के खिलाफ 9 अगस्त से रामलीला मैदान में आंदोलन शुरू करने जा रहे बाबा रामदेव को जदयू नेता ने सलाह दी कि बेहतर होगा कि वह जनता से जुड़े विषयों पर ध्यान दें।
यह पूछे जाने पर कि वह स्वयं जयप्रकाश आंदोलन की उपज हैं, जेपी ने उन्हें चुनाव में उतारा था और वह चुनाव जीते भी। इस दृष्टि से वह अन्ना के आंदोलन को कितना सफल या विफल मानते हैं, उन्होंने कहा, ‘जनता की ओर से चुने जाने के बाद अपनी बात कहना ही लोकशाही में सबसे प्रभावी तरीका है।’ जद यू अध्यक्ष ने मीडिया पर इन आंदोलनों को अत्याधिक तवज्जो देने और जनता से जुड़े विषयों पर ध्यान नहीं देने का आरोप लगाया।
राजग संयोजक के रूप में गठबंधन में और सहयोगियों को जोड़ने के प्रयसों के बारे में पूछे जाने पर शरद ने कहा कि इस दिशा में बात हो रही है, कुछ ठोस आने पर बताया जाएगा। शरद ने लोकपाल विधेयक पर आमसहमति होने से इंकार किया। उन्होंने कहा कि लोकपाल के साथ लोकायुक्त गठन के विषय पर सहमति नहीं है। लोकायुक्त के गठन के विषय पर विधानसभाओं को कैसे नजरंदाज किया जा सकता है। यह देश के संघीय ढांचे पर प्रहार होगा। (एजेंसी)
First Published: Sunday, August 5, 2012, 13:15