Last Updated: Monday, August 22, 2011, 11:00
नई दिल्ली : दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी की ओर से मुसलमानों को अन्ना हज़ारे के आंदोलन से दूर रहने की सलाह देने वाले कथित बयान से मुस्लिम संगठनों और धर्मगुरुओं ने असहमति जताई है.
बुखारी ने एक प्रमुख अंग्रेजी दैनिक से बातचीत में कहा कि अन्ना के आंदोलन में ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ जैसे नारे लग रहे हैं. यह इस्लाम के खिलाफ है क्योंकि यह मजहब किसी देश या भूमि की इबादत करने की इजाजत नहीं देता. ऐसे में मुसलमानों को इस आंदोलन से दूर रहना चाहिए.’
दिल्ली की ऐतिहासिक फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने बातचीत में बुखारी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके बयान से नाइत्तेफाकी जताई. उन्होंने कहा, ‘भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन पूरे देश का मामला है और मुसलमान भी इसी देश का हिस्सा है. ऐसे में मुसलमानों का इस आंदोलन में शामिल होना वाजिब है.’
मुफ्ती मुकर्रम ने कहा, ‘इस आंदोलन को इस्लाम से नहीं जोड़ा जा सकता. इसमें शामिल होने वाले लोग अपने गुस्से का इजहार कर रहे हैं. इसके इस्लामी और गैर-इस्लामी होने की बात कहां से उठ गई. भ्रष्टाचार एक समाजी मसला है और इसके खिलाफ आंदोलन को मजहब से नहीं जोड़ा जा सकता.’
देश की एक प्रमुख इस्लामी संस्था ‘जमात-ए-इस्लामी हिंद’ ने भी इस बात से असहमति जताई है कि आंदोलन में मुसलमानों को शामिल नहीं होना चाहिए. संस्था के सचिव मोहम्मद सलीम इंजीनियर ने कहा, ‘हम बुखारी साहब के बयान पर कुछ नहीं कहेंगे, परंतु हम मुसलमानों से यह अपील नहीं कर सकते कि इस आंदोलन में वे शामिल न हों.’
First Published: Monday, August 22, 2011, 16:30