अन्ना हजारे ने भंग की टीम अन्ना, सदस्‍य हैरान

अन्ना हजारे ने भंग की टीम अन्ना, सदस्‍य हैरान

अन्ना हजारे ने भंग की टीम अन्ना, सदस्‍य हैराननई दिल्ली: अन्ना हजारे ने सोमवार को टीम अन्ना भंग हो जाने की घोषणा की। अपने ब्लॉग पर उन्होंने लिखा, "टीम अन्ना के नाम पर जो काम शुरू हुआ था, वह समाप्त हो गया है, इसलिए टीम अन्ना कमेटी भी भंग हो गई।" टीम अन्ना ने शुक्रवार को भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए राजनीति की मुख्यधारा से जुड़ने की घोषणा की थी।

अन्ना. ने हालांकि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रखने की बात कही है। उनके इस फैसले से टीम के सदस्य भी हैरान हैं। टीम अन्ना की सदस्य रह चुकीं किरण बेदी ने ट्विटर पर लिखा कि अन्ना का ब्लॉग पढ़ा। इन सबका अर्थ क्या है, नहीं जानती। अन्नाजी ने हमें जहां भी निर्देश दिया, हमारे लिए वह सहायक रहा।

उधर, बेंगलुरू में टीम अन्ना के पूर्व सदस्य न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एन. संतोष हेगड़े ने एक समाचार चैनल से कहा कि वह टीम अन्ना को भंग करने के निर्णय से हैरान हैं। उन्होंने कहा कि मैं राजनीतिक कदम के खिलाफ था। मुझे बुरा लग रहा है क्योंकि अन्ना हजारे ने प्रभावी लोकपाल के लिए जो आंदोलन शुरू किया था वह समय की आवश्यकता थी।

उन्होंने कहा कि आंदोलन बहुत आगे बढ़ा था। टीम अन्ना को चुनाव लड़ना चाहिए या नहीं, इसे लेकर जो भी विवाद हुए, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। इसी वजह से अन्ना हजारे ने टीम भंग कर दी। मनीष सिसौदिया ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा कि अन्नाजी ने अपने ब्लॉग में सब कुछ कह दिया है। इसमें कुछ भी अलग से कहने की जरूरत नहीं है। निर्णय के बारे में अधिक जानकारी केवल अन्ना दे सकते हैं।

अन्‍ना हजारे का कहना है कि टीम का गठन जनलोकपाल कानून के लिए किया गया था लेकिन सरकार जनलोकपाल कानून बनाने के लिए राजी नहीं है। ऐसे में अब टीम के पास कोई काम नहीं बचा है। अन्‍ना के मुताबिक सरकार से जनलोकपाल की मांग का आंदोलन रुक भले गया है लेकिन आंदोलन अभी खत्‍म नहीं हुआ है।

राजनीतिक दल के गठन के लिए संभवत: मार्ग प्रशस्त करते हुए टीम अन्ना को आज भंग कर दिया गया और तय किया गया कि वह लोकपाल के मुद्दे पर सरकार से अब कोई और बातचीत नहीं करेगी।

जंतर मंतर पर अपना अनिश्चितकालीन अनशन खत्म करने के तीन दिन बाद अन्ना हजारे की टीम को भंग करने का निर्णय सामने आया है। अनशन खत्म करते समय ही इस योजना की घोषणा कर दी गयी थी कि 2012 लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए एक राजनीतिक विकल्प तैयार किया जायेगा।

टीम भंग करन की घोषणा हजारे ने अपने ब्लाग में की है। लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया है कि क्या वह फौरन किसी दल के गठन की घोषणा करेंगे हालांकि उन्होंने राजनीतिक विकल्प तैयार करने की प्रक्रिया की चर्चा की है।

उन्होंने कहा, ‘सरकार जन लोकपाल विधेयक बनाने को तैयार नहीं है। कितने समय तक और कितनी बार हम अनशन करेंगे। अब लोगों ने हमसे अनशन छोड़ने और कोई विकल्प देने के लिए कहना शुरू कर दिया है। मैंने भी सोचा कि सरकार भ्रष्टाचार को नहीं रोकेगी।’ हजारे ने कहा, ‘हम टीम अन्ना की गतिविधियों को आज से रोक रहे हैं। टीम अन्ना का गठन जन लोकपाल की लड़ाई के लिए किया गया था। हमने सरकार के साथ कोई और बातचीत नहीं करने का निर्णय किया है। आज से कोई टीम अन्ना या टीम अन्ना कोर कमेटी नहीं रहेगी।’

पिछले साल अप्रैल से ही टीम अन्ना हजारे के साथ सड़कों पर उतर आयी थी। हजारे ने चार बार अनिश्चितकालीन और चार बार ही एक दिन का अनशन किया था। इसके अलावा वह लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने वाली संयुक्त समिति में शामिल हुए थे। टीम अन्ना के चुनावी राजनीति में प्रवेश के निर्णय का शुरू में कोर कमेटी के कई सदस्यों जैसे न्यायमूर्ति संतोष हेगड़े, मेधा पाटकर, चन्द्रमोहन और अखिल गोगोई ने विरोध किया था।

उन्होंने कहा, ‘मैंने पार्टी बनाने वाले लोगों से यह बात कह दी है। पार्टी बनने के बाद भी यह आंदोलन चलते रहना चाहिए। आंदोलन में, हमने पहले जन लोकपाल की मांग की थी और अब इस आंदोलन को जीवित रखने के लिए लोगों की मदद से अच्छे व्यक्तियों को संसद में भेजा जाना चाहिए ताकि कानून बनाना सुनिश्चित किया जा सके।’ (एजेंसी)

First Published: Monday, August 6, 2012, 21:14

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