Last Updated: Sunday, October 7, 2012, 20:47

नई दिल्ली : महात्मा गांधी ने अपनी ही शादी की मान्यता के लिए पहला सत्याग्रह दक्षिण अफ्रीका में किया था। गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति की ओर से आयोजित गांधी कथा में बापू के प्रिय सचिव महादेवभाई देसाई के पुत्र नारायणभाई देसाई ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गांधी को अपनी ही शादी की मान्यता के लिए सत्याग्रह करना पड़ा था।
उन्होंने बताया कि दूसरी बार दक्षिण अफ्रीका जाने पर बापू अपने साथ बा को भी ले गए थे। लेकिन वहां के कानून के अनुसार बा को मोहनदास करमचंद गांधी की पत्नी नहीं माना गया। दक्षिण अफ्रीका में गिरिजाघर अथवा विवाह पंजीयक के पास दर्ज विवाहों को कानूनी रूप से मान्य किया जाता था। गिरिजाघर के पादरी ने जब उनसे यह बात कही तो उन्होंने अपने देश की मान्यताओं और आदर्शों के लिए सत्याग्रह करने का निर्णय किया। बापू ने बा को दक्षिण अफ्रीका के कानून के बारे में बताया तो बा भी इसके लिए सत्याग्रह करने और उन्हें समर्थन देने की बात कही। इसके बाद बापू ने अपनी ही शादी की मान्यता के लिए दक्षिण अफ्रीका में पहला सत्याग्रह शुरू किया।
नारायणभाई ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका में होने वाले इस पहले सत्याग्रह का नेतृत्व स्वयं कस्तूरबा ने किया था। उनके साथ दक्षिण अफ्रीका का प्रवासी भारतीय समुदाय भी जुड़ गया। वहां रहने वाले भारतीय व्यवसायियों ने भी अपनी ओर से अनाज आदि मुहैया कराकर उनकी मदद की। बाद में दक्षिण अफ्रीका की सरकार को भारतीय समुदाय के लिए इस कानून को समाप्त करना पड़ा। (एजेंसी)
First Published: Sunday, October 7, 2012, 20:21