अपने बचाव की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं राजा - Zee News हिंदी

अपने बचाव की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं राजा



नई दिल्ली : पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और 16 अन्य आरोपियों जिनके खिलाफ 2जी मामले की सुनवाई शुरू हो चुकी है, ने मंगलवार को अदालत से मामले में दायर तीसरे आरोप पत्र की प्रति मांगी। तीसरे आरोप पत्र में सीबीआई ने एस्सार समूह के प्रवर्तक अंशुमान व रवि रुईया तथा अन्य छह को आरोपी बनाया है।

 

पूर्व संचार मंत्री ए राजा 2जी मामले में अभियोजन पक्ष के गवाह और अपने पूर्व अतिरिक्त निजी सचिव आशीर्वादम अचारी से जिरह के साथ संभवत: अगले सप्ताह अपने बचाव की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। यह जानकारी सूत्रों ने दी। राजा ने मामले में अभी किसी गवाह के साथ जिरह नहीं की है।

 

राजा के मामले से जुड़े एक वकील ने कहा कि वह अब गवाहों से जिरह शुरू करेंगे क्योंकि सीबीआई ने तीसरा आरोपपत्र दाखिल किया है और अचारी दूरसंचार विभाग में अधिकारी हैं। वकील ने कहा कि अब तीसरा आरोपपत्र दाखिल किया जा चुका है और एक और वजह है कि अचारी डीओटी के अधिकारी हैं इसलिए राजा अब उनसे (अचारी से) जिरह करेंगे। राजा के वकील ने 11 नवंबर को मुकदमा शुरू होने पर अदालत में कहा था कि वह तब तक गवाहों से जिरह नहीं करेंगे जब तक सीबीआई तीसरा आरोपपत्र दाखिल नहीं करती और यह बयान नहीं देती कि मामले में उनकी जांच पूरी है।

 

बाद में राजा ने कहा था कि वह गवाहों से जिरह तब करेंगे जब वे सरकार की दूरसंचार नीति पर बयान देंगे। राजा ने कहा था कि मैं गवाहों से जिरह तब करुंगा जब नीतिगत मामले आएंगे। अब तक गवाह स्वान टेलीकॉम और रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड के बारे में बयान दे रहे हैं और मुझे उनसे कुछ लेना देना नहीं है। मामले में प्रमुख गवाह अचारी को आज अदालत के समक्ष बयान देने के लिए तलब किया गया लेकिन उन्हें जाने दिया गया क्योंकि रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के सहायक उपाध्यक्ष :खाता और वित्त: भारत अंबेरकर से जिरह पूरी नहीं हुई थी।

 

उधर, विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओ पी सैनी ने इस बारे में कहा कि इस बारे में संतुष्ट होने पर कि नए आरोप पत्र से उनके (ए राजा तथा अन्य) के मामले पर असर होगा, उन्हें तीसरे आरोपपत्र की प्रति दे दी जाएगी।

 

न्यायाधीश ने कहा,  मैं न्यायाधीश हूं। मैं अपने कर्तव्य जानता हूं। यदि इससे (आरोप पत्र) आप (16 अन्य आरोपियों) पर असर होता है तो मैं निश्चित तौर पर आपको आरोप पत्र की प्रति मुहैया कराउंगा। अदालत की यह टिप्पणी तब आई जब बचाव पक्ष के वकील विजय अग्रवाल ने कहा कि सीबीआई ने इस मामले में दूसरा पूरक आरोप पत्र दायर किया है इसलिए मौजूदा आरोपियों को ये दस्तावेज मुहैया कराए जाएं।

 

उन्होंने कहा, यह इस मामले में दूसरा पूरक आरोप पत्र है और यदि यह स्वतंत्र आरोप पत्र नहीं है तो इसे हमें उपलब्ध कराया जाना चाहिए। अंशुमान रुईया, रवि रुईया, लूप टेलकाम की प्रवर्तक किरण खेतान, उनके पति आई पी खेतान और एस्सार समूह के निदेशक (रणनीति व योजना) विकास सर्राफ को आरोपी बनाते हुए 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले से जुड़ी जांच के संबंध में सीबीआई ने तीसरा आरोप पत्र दायर किया है।

 

इन पांच के अलावा लूप टेलीकाम प्राईवेट लिमिटेड, लूप मोबाईल इंडिया लिमिटेड और एस्सार टेली होल्डिंग का नाम भी सोमवार को दायर आरोप पत्र में शामिल है। सीबीआई ने तीसरे आरोपपत्र में शामिल आरोपियों पर दूरसंचार विभाग के साथ धोखाधडी का आरोप लगाया है। इसमें कहा गया है कि लूप टेलिकॉम को मुखौटा कंपनी बनाकर वर्ष 2008 में 2जी लाइसेंस हासिल किया गया।  

(एजेंसी)

First Published: Tuesday, December 13, 2011, 20:58

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