Last Updated: Friday, November 23, 2012, 16:28
ज़ी न्यूज़ ब्यूरोश्रीनगर : आमिर अजमल कसाब को फांसी दिए जाने के बाद वर्ष 2001 में भारतीय संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी देने की मांग के बीच अलगाववादी संगठन जेकेएलएफ ने आगाह किया कि यदि केंद्र उसके बारे में कोई भी ‘गलत फैसला’ करता है तो भारत को इसके ‘गंभीर परिणाम’ भुगतने होंगे।
जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के अध्यक्ष मोहम्मद यासिन मलिक ने अपने एक बयान में कहा, `यदि भारत सरकार अपनी भूल (जेकेएलएफ संस्थापक मोहम्मद मकबूल भट को फांसी) दोहराती है और अफजल गुरु को लेकर कोई गलत फैसला करती है तो समूचे क्षेत्र में इसके गंभीर परिणाम होंगे। ज्ञात हो कि इससे पहले भारत सरकार जेकेएलएफ के संस्थापक मोहम्मद मकबूल भट् को 11 फरवरी 1984 में दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी पर लटकाया था। भट्ट ने भारतीय खुफिया अधिकारी की हत्या की थी। इस संगीन अपराधी को फांसी दिए जाने के बाद कश्मीर में भारतीय शासन के खिलाफ खून को नदियां बह गई थी।
जेकेएलएफ नेता ने कहा कि कसाब को फांसी दिए जाने के बाद भाजपा और कांग्रेस के कुछ नेता गुरु को फांसी की अपनी पुरानी मांग उठाने लगे हैं, जिससे कश्मीरियों में चिंता पैदा हो गई है। यासिन की राह पर चलते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के महासचिव और मुख्यमंत्री के चाचा मुस्तफा कमाल ने अफजल की फांसी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है साथ ही केंद्र सरकार को इसके गंभीर परिणाम की चेतावनी भी दी हैं।
First Published: Friday, November 23, 2012, 16:28