Last Updated: Saturday, October 20, 2012, 22:53
नई दिल्ली : दिल्ली की स्थानीय अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तारी के 60 दिन के अंदर आरोप पत्र न पेश कर पाने के कारण व्यवसायी अभिषेक वर्मा एवं उसकी पत्नी को धन की हेराफेरी के मामले में जमानत दे दी। संवेदनशील रक्षा दस्तावेजों को लीक करने के कारण गोपनीयता अधिनियम के उल्लंघन में आरोपी होने के कारण वर्मा को जमानत मिलने के बाद भी जेल में रहना होगा।
न्यायालय ने जमानत राशि न देने के कारण वर्मा दम्पति की न्यायिक हिरासत अवधि तीन नवम्बर तक के लिए बढ़ा दी है। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गौतम मनन ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तारी के 60 दिन की निर्धारित अवधि के भीतर आरोप पत्र पेश न कर पाने के कारण वर्मा एवं उनकी रोमानियाई मूल की पत्नी अंका मारिया नीस्कू को एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके एवं इतनी ही राशि की जमानत पर जमानत दे दी।
वर्मा दम्पति को दो और मामलों में बिना अनुमति के देश छोड़ कर न जाने और सबूतों के साथ छेड़छाड़ न करने की शर्त पर जमानत मिली है। वर्मा एवं उसकी पत्नी को प्रवर्तन निदेशालय ने 22 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। दूसरी तरफ विशेष अदालत ने अंका द्वारा जान के खतरे की आशंका जताते हुए जेल से अदालत आने-जाने के लिए अलग वाहन की व्यवस्था किए जाने के लिए दायर याचिका पर दिल्ली पुलिस की तीसरी बटालियन के उपायुक्त को फिर से नोटिस जारी किया। इसका जवाब तीन नवम्बर तक देना है। यह बटालियन तिहाड़ जेल से अदालत तक आने जाने के लिए आरोपियों की सुरक्षा का जिम्मा संभालती है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, October 20, 2012, 22:53