अमेरिका को युद्धपोत निरीक्षण की दी अनुमति

अमेरिका को युद्धपोत निरीक्षण की दी अनुमति


नई दिल्ली : भारत ने अमेरिका से 2005 में खरीदे गए एक सेकेंड हैंड युद्धपोत के निरीक्षण की अनुमति अमेरिकी विशेषज्ञों को दी है। निरीक्षण की यह अनुमति अंतिम उपयोगकर्ता सत्यापन के लिए पूर्व में हुए एक समझौते के तहत दी गई।

इस पोत को 2007 में नौसेना में शामिल किया गया था। यह निरीक्षण हालांकि दखलकारी नहीं था और आईएनएस जलश्व से कुछ उपकरणों को हटाने के बाद ही निरीक्षण किया गया था। अमेरिकी नौसेना में यह पोत यूएसएस ट्रेंटन के रूप में था।
इस निरीक्षण के बारे में पूछे जाने पर नौसेना प्रमुख एडमिरल निर्मल वर्मा ने यहां मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि आईएनएस जलश्व का कोई दखलकारी निरीक्षण नहीं हुआ है। वर्मा ने अपनी विदाई के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह संभव है कि प्रमाणन दिया गया हो। लेकिन कोई दखलकारी निरीक्षण नहीं हुआ।

एडमिरल वर्मा नौसेना में चार दशक से अधिक समय तक अपनी सेवा देने के बाद इस महीने के अंत में सेवानिवृत्त होने वाले हैं। वह 2009 से तीन वर्षो तक नौसेना प्रमुख रहे। उन्होंने कहा कि यदि कोई जलश्व पर सवार होता है, तो यह दखलकारी है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं था। ज्ञात हो कि अमेरिका जब भी कोई सैन्य उपकरण किसी मित्र देश को बेचता या हस्तांतरित करता है, वह अंतिम उपयोगकर्ता समझौते पर हस्ताक्षर के लिए कहता है। यह समझौता यह व्यवस्था देता है कि अमेरिकी विशेषज्ञ यह सुनिश्चित करने के लिए उस उपकरण का नियत अंतराल पर नियमित निरीक्षण करेंगे कि कहीं उसका इस्तेमाल निर्धारित उद्देश्यों से इतर तो नहीं हो रहा है। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, August 7, 2012, 19:19

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