Last Updated: Monday, August 13, 2012, 13:39
नई दिल्ली : देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए लोकसभा में सरकार से आज इस मुद्दे पर श्वेतपत्र जारी करने और सर्वदलीय बैठक बुलाए जाने की मांग की गयी।
कम्युनिस्ट पार्टी के गुरूदास दासगुप्ता ने सदन में शून्यकाल के दौरान यह मामला उठाते हुए दावा किया, ‘देश की अर्थव्यवस्था इतने गहरे संकट में है , जितना पहले कभी नहीं हुई। ’
उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था अभूतपूर्व मंदी , निवेश की कमी, उत्पादन और निर्माण के ठप हो जाने , उद्योग, कृषि और सेवा समेत सभी क्षेत्रों में गिरावट की ओर बढ़ रही है। देश का औद्योगिक सूचकांक 0.1 प्रतिशत तक आ गिरा है। दासगुप्ता ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की रेटिंग घट रही है , रूपये का अवमूल्यन हो रहा है और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लगभग समाप्त हो चुका है।
सरकार से इस पूरी स्थिति पर श्वेतपत्र लाने की मांग करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि देश की अर्थव्यवस्था अंतरराष्ट्रीय मंदी के कारण नहीं बल्कि सरकार की खराब आर्थिक नीतियों के कारण इस स्थिति में पहुंची है। उन्होंने इसे दुखद बताया कि परसों स्वतंत्रता दिवस अर्थव्यवस्था पर छायी इस महामंदी के साये में मनाया जाएगा।
विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने इस मुद्दे से खुद को संबद्ध करते हुए देश की आर्थिक स्थिति पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाए जाने की मांग की और इस मुद्दे पर सदन में जल्द से जल्द चर्चा कराए जाने को कहा।
भाजपा के हरेन पाठक ने काले धन का मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि सदस्यों की मांग पर सरकार इस मुद्दे पर श्वेतपत्र तो ले आयी लेकिन उसने इसमें ‘छुपाया ज्यादा , बताया कम।’ उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने से इसलिए कतरा रही है क्योंकि सरकार में शामिल कई लोगों का काला धन विदेशों में जमा है। (एजेंसी)
First Published: Monday, August 13, 2012, 13:39