Last Updated: Saturday, June 1, 2013, 16:44
नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने आगामी लोकसभा चुनाव से पहले अल्पसंख्यकों तक पहुंच बनाने की कोशिश करते हुए इन समुदायों के बीच शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए पांच नए विश्वविद्यालय स्थापित करने की शनिवार को घोषणा की।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री के. रहमान खान ने यहां संवाददाताओं को बताया कि पांच विश्वविद्यालय स्थापित करने का फैसला कर लिया गया है लेकिन इस बात पर निर्णय लेना बाकी है कि ये विश्वविद्यालय कहां स्थापित किए जाएंगे।
खान ने कहा, ‘कई अन्य मंत्रालयों की तरह अल्पसंख्यक मंत्रालय पांच नए विश्वविद्यालय शुरू कर रहा है। ये विश्वविद्यालय अल्पसंख्यकों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। हमारा मंत्रालय अल्पसंख्यकों के बीच शिक्षा को बढावा देने के लिए पांच विश्वविद्यालयों की स्थापना कर रहा है। इनकी स्थापना किसी भी धर्म पर ध्यान केंद्रित करके नहीं की जा रही है।’
यह पूछने पर कि क्या लोकसभा चुनावों के नज़दीक आने के मद्देनज़र विश्वविद्यालय स्थापित करने का निर्णय राजनीतिक है, खान ने जवाब देने से इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा, ‘मैं आठ महीने पहले मंत्री बना हूं। यदि मैं कोई कदम उठाता हूं तो उसे राजनीतिक कहा जाएगा, तो इसमें मैं क्या कर सकता हूं? चुनाव आ रहे हैं तो क्या इसी लिए मुझे बैठ जाना चाहिए और काम नहीं करना चाहिए?’
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा कि भेदभाव का शिकार होने वाले सभी धर्मों के अल्पसंख्यकों की भलाई की खातिर कदम उठाने के लिए उनका मंत्रालय स्थापित किया गया था।
उन्होंने कहा, ‘सच्चर समिति ने कहा है कि मुसलमान शिक्षा के क्षेत्र में काफी पिछड़े हुए हैं। वे शिक्षा के मामले में अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों से भी पिछड़े हुए हैं इसलिए मंत्रालय ने विश्वविद्यालय स्थापित करने और शैक्षणिक संस्थाओं को प्रोत्साहन देने का निर्णय लिया है।’
इससे पूर्व खान ने दलित मुसलमानों और दलित इसाइयों को अनुसूचित जातियों में शामिल करने के मामले पर हुए विचार-विमर्श में भाग लिया। उन्होंने कहा कि वह निजी तौर पर इस विचार का स्वागत करते हैं लेकिन इस बात पर संवैधानिक रूप से गौर करना होगा। (एजेंसी)
First Published: Saturday, June 1, 2013, 16:44