Last Updated: Saturday, July 28, 2012, 16:14

गुवाहाटी : असम के हिंसाग्रस्त कोकराझार में राहत शिविरों का दौरा करने के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि यह घटना बड़ा कलंक है। उन्होंने हिंसा के पीछे वजहों पर फिलहाल कुछ भी कहने से इनकार करते हुए कहा कि अभी कुछ नहीं कहा जा सकता और हालात पर काबू पाना तथा आपसी सद्भभाव का माहौल कायम रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हिंसा को नियंत्रित करने में प्रारंभिक दिक्कतों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार स्थिति को सामान्य बनाने के लिए कदम उठाएंगी और पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगाने का काम करेगी।
कोकराझार कॉमर्स कॉलेज स्थित राहत शिविर में शरणार्थियों से बातचीत में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जो कुछ भी हुआ, वह दुखद है। मैं आपके दुख को समझ सकता हूं और इस दुख की घड़ी में हम सब अपके साथ हैं।’ यह पूछे जाने पर कि किस कारण से यह समस्या सामने आई, प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह जटिल विषय है और जब स्थिति सामान्य हो जाएगी तब हम स्थिति की समीक्षा करेंगे।’
उन्होंने कहा, ‘हम सब भारतीय हैं और हमें एक साथ रहना है। यह समय आरोप प्रत्यारोप लगाने का नहीं है। हमें साथ मिलकर रहना है।’ सिंह ने कहा, ‘हमारी शीर्ष प्राथमिकता शांति स्थापित करने की है और हम सभी प्रभावित लोगों को जरूरी सुविधाएं प्रदान करेंगे।’ सिंह भारतीय वायु सेना के एक हेलीकाप्टर से असम के हिंसाग्रस्त जिले कोकराझार पहंचे। इससे पहले वह जिस हेलिकॉप्टर से प्रभावित जिले जा रहे थे उसे तकनीकी कारणों से गुवाहाटी लौटना पड़ा था।
प्रधानमंत्री ने हिंसा के दौरान मारे गए लोगों के परिवारों को 2-2 लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए देने की घोषणा की है। हिंसा के कारण जो लोग बेघर हो गए हैं उनको घर बनाने के लिए 30 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी। प्रधानमंत्री ने असम को कुल 300 करोड़ रुपए की मदद देने का ऐलान किया है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, July 28, 2012, 16:14