आकाश के जरिए अब ई-शिक्षा की तैयारी

आकाश के जरिए अब ई-शिक्षा की तैयारी

नई दिल्ली: सरकार ने सस्ते टैबलेट आकाश के माध्यम से ई शिक्षा प्रदान करने की तैयारी शुरू की है । इस उद्देश्य के लिए विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में ई सामग्री तैयार करने का कार्य शुरू किया जा रहा है जिसे सूचना संचार प्रौद्योगिकी के माध्यम से प्रदान किया जायेगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक ई शिक्षा प्रदान करने में आकाश का महत्वपूर्ण योगदान होगा। विभिन्न विषयों में क्षेत्रीय भाषाओं में ई सामग्री तैयार की जायेगी। आकाश को आईसीटी के माध्यम से सभी विश्वविद्यालयों एवं शैक्षणिक संस्थाओं से जोड़ा जायेगा और यह शिक्षकों एवं छात्रों को उपलब्ध होगा।

अधिकारी ने कहा कि आईआईटी, आईआईएसइसी जैसी संस्थाएं इंजीनियरिंग और विज्ञान विषय में ई सामग्री तैयार कर रही है । इसके साथ ही सामाजिक विज्ञान, कला, वाणिज्य, मानविकी जैसे विषयों में भी ई सामग्री तैयार की जा रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘अब समय आ गया है कि इन विषयों में ई सामग्रियों को क्षेत्रीय भाषा में भी तैयार किया जाए। इस उद्देश्य के लिए क्षेत्रीय भाषाओं के जानकार एवं उस विषय के विशेषज्ञों से प्रस्ताव मांगे गए हैं।’

मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने हाल ही में बताया था कि उच्च शिक्षा के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए 22 करोड़ आकाश की जरूरत होगी। मंत्रालय ने हालांकि स्पष्ट किया कि आकाश का बड़ी संख्या में निर्माण करने के लिए कोई नयी निविदा जारी नहीं की गयी है । लेकिन इसे उन्नत बनाने के प्रयास जारी हैं ताकि सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से उच्च शिक्षा के प्रसार के उद्दश्यों को हासिल किया जा सके।

अधिकारी ने कहा कि आकाश के निर्माण के संदर्भ में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ दूरसंचार मंत्रालय, सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अलावा कुछ सार्वजनिक कंपनियां, आईआईटी राजस्थान, आईआईटी बम्बई, आईआईटी मद्रास और आईआईटी कानपुर के अलावा सीडेक आपस में मिल कर कर रहे हैं। परियोजना से जुड़े एक वर्ग का कहना है कि कुछ कंपनियां चाहती हैं कि यह परियोजना बंद हो जाए ताकि उनका धंधा सुचारू रूप से चलता रहे जबकि कुछ कंपनियां इसे 44 हजार करोड़ रूपये के कारोबारी अवसर के रूप में देख रही है ।

एक ऐसा वर्ग भी है जो चाहता कि आकाश की कीमत 2,276 रूपये ही रहे और समय के साथ इसकी गुणवत्ता में वृद्धि की जाए। मानव संसाधन विकास मंत्री का मानना है कि प्रारंभ में जमीनी परीक्षण के लिए एक लाख ‘आकाश’ बनाने का निर्णय किया गया था लेकिन इससे मकसद हल नहीं होने वाला है।

आकाश के समक्ष गुणवत्ता और सुविधाओं को बेहतर बनाने की अहम चुनौती भी है । हालांकि अधिकारी ने कहा कि बेहतर सुविधाओं वाला ‘आकाश 2’ तैयार हो गया हैं। बाजार में उपलब्ध टैबलेटों में आकाश का काफी सस्ता होना उसे शिक्षा के प्रचार के लिए अहम बनाता है। (एजेंसी)

First Published: Sunday, June 17, 2012, 11:50

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