Last Updated: Wednesday, March 14, 2012, 07:42
नई दिल्ली : सस्ता टैबलेट लैपटाप ‘आकाश’ को पूर्ण रूप से स्वदेशी स्वरूप प्रदान किया जाएगा लेकिन इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि गुणवत्ता से कोई समझौता न हो और कीमतें नहीं बढ़े।
लोकसभा में एंटो एंटनी और हंसराज अहिर के प्रश्न के उत्तर में मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि वर्तमान में आकाश टैबलेट के 16 प्रतिशत पुर्जे भारतीय हैं जबकि 39 प्रतिशत पुर्जे दक्षिण कोरिया से, 24 प्रतिशत चीन से, 16 प्रतिशत अमेरिका से तथा शेष दूसरे देशों से आयात किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘बेहतर गुणवत्ता बनाने के साथ कीमतों को कम रखना चुनौतीपूर्ण कार्य है लेकिन आकाश के संदर्भ में हमने इसका पूरा ध्यान रखा है ताकि यह समाज के कमजोर वर्ग के लोगों के लिए व्यवहार्य हो।’
आकाश के प्रारंभिक प्रारूप में कुछ कमियों की बात को स्वीकार करते हुए सिब्बल ने कहा कि आकाश के दूसरे प्रारूप में इन कमियों को दूर करने का प्रयास किया गया है लेकिन कीमतों में कोई वृद्धि नहीं की गई है। आकाश-2 अप्रैल माह में उपलब्ध होगा। शैलेन्द्र कुमार के पूरक प्रश्न के उत्तर में सिब्बल ने कहा कि आकाश परियोजना को आईसीटी पर राष्ट्रीय शिक्षा मिशन के माध्यम से आगे बढ़ाया जा रहा है। इसके लिए 700 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं और सबसे पहले विश्वविद्यालय के छात्रों को आकाश उपलब्ध कराने की योजना है।
सिब्बल ने कहा कि 700 करोड़ रुपए के बजट से विश्वविद्यालय स्तर पर 50 लाख बच्चों को आकाश उपलब्ध कराए जा सकेंगे जबकि विश्वविद्यालयों में 1.70 करोड़ बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। सिब्बल ने कहा, ‘हमारा इरादा अगले 5.6 साल में सभी बच्चों को आकाश प्रदान करना है।’ उन्होंने कहा कि आकाश की विशिष्टताओं में लगातार सुधार किया गया है। इसके बावजूद कीमत 2,766 रुपए ही रहेगी।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, March 14, 2012, 13:13