Last Updated: Friday, October 21, 2011, 07:26
कोलकाता: बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधा है।
कोलकाता में शुक्रवार को जनचेतना यात्रा के दौरान वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि वह सबसे कमजोर प्रधानमंत्री हैं जिसकी वजह से उनकी सरकार में कई अंग निष्क्रिय होने के बाद अंत नजदीक होने के लक्षण दिखाई दे रहे हैं।
इससे दो दिन पहले प्रधानमंत्री ने आडवाणी से अपने खिलाफ कठोर भाषा का इस्तेमाल नहीं करने के लिए कहा था।
आडवाणी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि हमें कड़े शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। मैंने क्या कठोर शब्द कहे? मैंने केवल इतना कहा कि जवाहरलाल नेहरू से लेकर सभी प्रधानमंत्रियों में मनमोहन सिंह सबसे कमजोर हैं। यह एक राजनीतिक टिप्पणी है। इसमें कठोरता कहां है?
अपने बयान को वापस नहीं लेने पर जोर देते हुए बीजेपी नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री का कहना है कि वह आहत हुए हैं क्योंकि मैंने उन्हें सबसे कमजोर प्रधानमंत्री कहा। अगर वास्तविकता को वैसे ही बयां करना अनुचित है तो मैं दोषी हूं। लेकिन मैंने नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 2जी घोटाले से बचा जा सकता था और यदि मनमोहन सिंह जी ने सक्रियता दिखाई होती तो राजकोष को होने वाले 1.76 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित नुकसान को रोका जा सकता था।
आडवाणी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस जैसे संप्रग के सहयोगी दल मनमोहन सिंह सरकार से दूरी बना रहे हैं, जिसकी अलोकप्रियता बढ़ती जा रही है। हालांकि वे इस वक्त अपनी हताशा को सार्वजनिक नहीं करना चाहते।
आडवाणी ने कल कहा था कि तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी घोटालों को लेकर चुप क्यों हैं? वहीं आज उन्होंने कहा कि वह ममता के बेबाक बयानों की कमी महसूस कर रहे हैं।
बीजेपी नेता ने कहा कि संप्रग के भीतर मतभेदों के मूल में देश की सुनियोजित लूट के खिलाफ जनता का बढ़ता गुस्सा है। उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन को विभाजित प्रगतिशील गठबंधन कहा जाना चाहिए।
आडवाणी ने कहा कि 2जी, राष्ट्रमंडल, आदर्श, एयर इंडिया और कई अन्य घोटाले इस बात के उदाहरण हैं। दुनिया में भारत की छवि इस समय सबसे निचले पायदान पर है क्योंकि शासन चला रहा गठबंधन भ्रष्टाचार का पर्याय बन गया है।
(एजेंसी)
First Published: Friday, October 21, 2011, 20:34