Last Updated: Sunday, August 5, 2012, 20:22

नई दिल्ली : कांग्रेस और कुछ अन्य दलों ने भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की टिप्पणी पर चुटकी लेते हुए कहा कि उन्होंने 2014 के लोक सभा चुनाव से पहले ही हार माल लिया है। यहां तक भाजपा के कुछ नेताओं ने भी उनसे असहमति व्यक्त की है।आडवाणी के ताजा ब्लॉग के लिखे बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस ने कहा कि आडवाणी ने अपनी पार्टी की क्षमता पर संदेह व्यक्त करते हुए लड़ाई से छोड़ दिया है।
कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने संवाददाताओं से कहा, मैं इस ब्लॉग के बारे में कहा सकता हूं कि आडवाणी ने यह कह कर स्वयं हार स्वीकार कर लिया है कि 2014 में भाजपा से कोई प्रधानमंत्री नहीं बनेगा। इसका अर्थ है कि उन्होंने स्वयं हार स्वीकार कर लिया है। उन्होंने पूछा कि इस ब्लॉग के बाद भाजपा का कोई उम्मीदवार कैसे जीत सकता है। अडवाणी ने इससे पहले 2004 और 2009 में कांग्रेस की हार की भविष्यवाणी की थी लेकिन दोनों बार कांग्रेस सत्ता में आई।
भाजपा नेता को युद्ध के मैदान में जाने की अनिच्छा रखने वाला जनरल करार देते हुए शुक्ला ने कहा कि अगर कोई अनिच्छा का भाव रखता हो तब वह कैसे युद्ध जीत सकता है। कांग्रेस के एक अन्य नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी ने कहा कि आडवाणी के बयान से उनकी पार्टी में आंतरिक कलह की बात उजागर होती है। भाजपा उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि पूरे देश में कांग्रेस के खिलाफ जबर्दस्त लहर चल रही है जिसमें भाजपा और राजग को बहुमत मिलेगा।
भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने कहा कि आडवाणी ने अपने ब्लॉग में जो बात कही उसका मतलब यह है कि भाजपा चुनाव के बाद सबसे बड़ी पार्टी बनेगी और लोकतंत्र में यह सामान्य बात है कि सबसे बड़ी पार्टी से प्रधानमंत्री बनते हैं। समाजवादी पार्टी के नेता मोहन सिंह ने भी कहा कि चुनाव से पहले ही भाजपा ने अपनी हार स्वीकार कर ली है। राजग के सहयोगी जद यू के प्रमुख शरद यादव ने इस विषय में कुछ कहने से इंकार करते हुए कहा कि 2014 के चुनाव से पहले इस पर कोई अटकल नहीं लगाना चाहते। बिहार से जद यू नेता नीरज कुमार ने कहा कि हमें ऐसे धर्मनिरपेक्ष प्रधानमंत्री की जरूरत है जो गरीबों के प्रति सहानुभूति रखता हो।
गौरतलब है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने आज यह कहकर अपनी पार्टी को चौंका दिया कि अगले लोकसभा चुनावों के बाद कोई गैर कांग्रेसी और गैर भाजपाई व्यक्ति प्रधानमंत्री बन सकता है। पिछले लोकसभा चुनाव में मुख्य विपक्षी दल के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार रहे आडवाणी ने आज अपने ब्लॉग में लिखा है, कांग्रेस या भाजपा के समर्थन वाली सरकार का नेतृत्व किसी गैर-कांग्रेसी या गैर-भाजपाई प्रधानमंत्री द्वारा किया जाना संभव है। ऐसा अतीत में भी हुआ है।
वरिष्ठ भाजपा नेता ने अतीत में कांग्रेस के समर्थन वाली सरकारों में चौधरी चरण सिंह, चंद्रशेखर, एचडी देवगौड़ा और इंद्र कुमार गुजराल तथा भाजपा समर्थित सरकार में वीपी सिंह के प्रधानमंत्री होने का उदाहरण पेश किया लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि हो सकता है कि ऐसी व्यवस्था ज्यादा दिन नहीं चल पाये। (एजेंसी)
First Published: Sunday, August 5, 2012, 20:22