Last Updated: Wednesday, July 10, 2013, 19:25

नई दिल्ली/बोधगया : केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने आज कहा कि देश में धार्मिक स्थलों की सुरक्षा में सीआईएसएफ को लगाए जाने पर केंद्र विचार करके निर्णय लेगी। क्योंकि देश में कई धार्मिक स्थल आतंकवादियों के निशाने पर हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और अंबिका सोनी के साथ आज बोधगया पहुंचे शिंदे ने महाबोधि मंदिर परिसर और उसके आसपास धमाका स्थलों का निरीक्षण करने के बाद कहा कि देश में धार्मिक स्थलों की सुरक्षा में सीआईएसएफ को लगाए जाने पर केंद्र विचार कर निर्णय लेगी। उन्होंने कहा कि महालक्ष्मी, सिद्धि विनायक और अक्षरधाम मंदिर जैसे धार्मिक स्थान आतंकवादी संगठनों के निशाने पर बने हुए हैं।
शिन्दे ने कहा कि बोधगया के महाबोधि मंदिर में श्रृंखलाबद्ध विस्फोटों के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनसे आग्रह किया था कि महाबोधि मंदिर में सीआईएसएफ की सुरक्षा मुहैया करायी जाए। गृह मंत्री ने कहा कि बिहार सरकार का कहना है कि सीआईएसएफ सुरक्षा मुहैया कराने पर जो भी खर्च आएगा, राज्य सरकार वहन करेगी। कुछ समय पहले महाराष्ट्र सरकार ने भी शिरडी स्थित साई बाबा मंदिर की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ जवान मुहैया कराने को कहा था। खर्च साईं बाबा ट्रस्ट वहन करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि इस तरह के आग्रहों पर विचार किया जाएगा। कोई भी फैसला करने से पहले सीआईएसएफ कानून की भी समीक्षा करनी होगी।
शिन्दे ने कहा कि देश के कई धार्मिक स्थलों को काफी लंबे समय से आतंकवादी संगठनों के हमले का खतरा है। मुंबई का महालक्ष्मी और सिद्धिविनायक मंदिर, अक्षरधाम मंदिर और अन्य मंदिरों को हम लगातार सतर्क करते आए हैं। पुलिस इस संबंध में खुफिया जानकारी का विश्लेषण कर इन धार्मिक स्थानों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाती है।
यह पूछने पर कि महाबोधि मंदिर पर हुए आतंकी हमले की जांच कहां तक पहुंची, शिन्दे ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी घटना के सभी पहलुओं की जांच कर रही है। इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) द्वारा एक कथित ट्विटर पोस्ट पर विस्फोट की जिम्मेदारी लेने के बारे में पूछने पर शिन्दे ने कहा कि एनआईए आईएम के दावे की भी जांच कर रही है। जांच में यह भी पता लगाया जाएगा कि म्यामां स्थित रोहिंग्या मुस्लिमों पर हुई कथित ज्यादती का महाबोधि मंदिर में हुए विस्फोटों से कोई संबंध है या नहीं।
गृह मंत्री ने कहा कि जब तक जांच पूरी नहीं होती, वह कुछ कहने की स्थिति में नहीं है । एनआईए को जांच कार्य सौंपा गया है और एनआईए विस्तार से जांच करेगी। यह पूछने पर कि केन्द्रीय खुफिया एजेंसियों की ओर से खुफिया जानकारी दिये जाने के बावजूद महाबोधि मंदिर में सुरक्षा मुहैया कराने में क्या कोई चूक हुई, शिन्दे ने कहा कि उन्हें सुरक्षा संबंधी चूक की जानकारी नहीं है लेकिन एनआईए इन सभी मुद्दों पर विचार करेगी और उसी के अनुरूप कार्रवाई की जाएगी । उन्होंने कहा कि गया के जिला प्रशासन ने तीन जुलाई को गया के महाबोधि मंदिर की सुरक्षा की समीक्षा की थी और बौद्ध मठ की सुरक्षा के लिए कई उपाय किये थे ।
इस सवाल पर कि 21 फरवरी को हैदराबाद में हुए दो विस्फोटों में अब तक कोई सुराग क्यों नहीं हासिल हो सका जबकि मामले की जांच एनआईए कर रही है, शिन्दे ने कहा कि एनआईए को हैदराबाद मामले की जांच देर से सौंपी गयी थी। महाबोधि मामले में एनआईए को जल्द ही जांच सौंप दी गयी है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ शिन्दे आज महाबोधि मंदिर गए। उनके साथ पार्टी नेता अंबिका सोनी भी थीं। शिन्दे ने कहा कि मामले की पूर्ण जांच हो रही है। तीन से चार लोग हमले में शामिल हो सकते हैं। यह पूछे जाने पर कि अब तक कोई गिरफ्तारी क्यों नहीं हो सकी है, उन्होंने कहा कि किसी को जल्दबाजी में गिरफ्तार करना सही नहीं है। जांच विस्तार से होनी चाहिए और वास्तविक दोषी को पकड़ा जाना चाहिए।
बोधगया विस्फोटों में नक्सलियों का हाथ होने की संभावना के बारे में शिन्दे ने कहा कि कई पेचीदा समस्याएं हैं। अन्य देशों से घुसपैठ हो रही है। नक्सल समस्या है। स्थानीय सांप्रदायिक गडबडियां हैं। हमें सभी पहलुओं पर विचार करना होगा।
First Published: Wednesday, July 10, 2013, 19:25