Last Updated: Sunday, September 23, 2012, 20:19

नई दिल्ली : सउदी अरब ने फसीह मोहम्मद के कथित तौर पर आतंकवादी गतिविधियों में और खासकर बेंगलुरु एवं दिल्ली में बम विस्फोटों की साजिश में शामिल रहने के मामले में भारत से और सबूत मांगे हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां कहा कि भारत पहले ही खाड़ी देश से फसीह के निर्वासन की मांग कर चुका है और इंटरपोल की ओर से रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया है लेकिन सउदी अधिकारियों की ओर से मिले संदेश में सुरक्षा एजेंसियों से कहा गया है कि आतंकवादी गतिविधियों की आपराधिक साजिश में तथा प्रतिबंधित संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन के साथ ताल्लुक में फसीह की भूमिका स्पष्ट की जाए।
पेशे से इंजीनियर और कथित तौर पर इंडियन मुजाहिद्दीन के सदस्य फसीह पर बेंगलुरु में चिन्नास्वामी स्टेडियम में विस्फोट तथा दिल्ली की जामा मस्जिद के पास 2010 में गोलीबारी में शामिल रहने का आरोप है और बिहार में जन्मा फसीह दिल्ली तथा कर्नाटक दोनों राज्यों की पुलिस के लिए वांछित है। सूत्रों ने कहा कि सउदी अरब से मिले ताजा संदेश के अनुसार सुरक्षा एजेंसियों से मामले का ब्योरा देने और इन मामलों में गिरफ्तार आरोपियों के बयान देने के लिए कहा गया है।
फसीह का नाम पिछले नौ महीनों के दौरान गिरफ्तार किए गए इंडियन मुजाहिद्दीन के कथित आतंकवादियों से पूछताछ के दौरान सामने आया था। सउदी अरब ने उसके निर्वासन पर रोक लगाते हुए कहा था कि वह उसे भारत भेजने के अनुरोध पर फैसला लेने से पहले उसकी भूमिका की जांच करना चाहता है। खाड़ी देश मुंबई आतंकवादी हमलों में शामिल रहे सैयद जाबिउद्दीन उर्फ अबू जुंदाल के निर्वासन में भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को दिये गए सहयोग तथा अपनी भूमिका के मीडिया की सुखिर्यों में बने रहने को लेकर खुश नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक सउदी अरब के अधिकारियों ने कहा कि फसीह के भारत प्रत्यर्पण या निर्वासन पर फैसला करने में उन्हें कुछ समय लगेगा। फसीह की पत्नी निखत परवीन ने उच्चतम न्यायालय में दावा किया था कि उसका पति केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों की गिरफ्त में है। परवीन ने अदालत में कहा था कि उसके पति को उसके कथित आतंकवादी संपर्कों के चलते भारत और सउदी के अधिकारियों की एक संयुक्त टीम ने 13 मई को पकड़ा था। हालांकि सरकार ने इस आरोप का खंडन किया है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, September 23, 2012, 20:19