Last Updated: Tuesday, April 17, 2012, 06:46
ज़ी न्यूज ब्यूरोमुंबई : महाराष्ट्र सरकार को बड़ी राहत देते हुए आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाले की जांच कर रहे न्यायिक आयोग ने कहा है कि जिस भूमि पर विवादित इमारत का निर्माण हुआ, वह सेना की नहीं बल्कि राज्य की है। दो सदस्यीय समिति ने पिछले शुक्रवार को अपनी अंतरिम रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। समिति ने यह भी कहा कि इमारत युद्ध नायकों और कारगिल विधवाओं के लिए आरक्षित नहीं थी।
महाराष्ट्र कैबिनेट ने आज अंतरिम रिपोर्ट पर चर्चा की । सूत्रों ने बताया कि आज इसके विधानसभा में पेश होने की संभावना है। आयोग में बंबई उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जे ए पाटिल के अलावा पूर्व प्रदेश मुख्य सचिव पी सुब्रहमनियन थे। सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट में कोलाबा की भूमि के मालिकाना हक पर प्रकाश डाला गया है जहां 31 मंजिली इमारत का निर्माण हुआ और क्या यह युद्ध नायकों और कारगिल विधवाओं के लिए आरक्षित था।
मामले में आरोप यह है कि प्रदेश सरकार ने आदर्श सोसाइटी को भूमि आवंटित की जबकि यह रक्षा मंत्रालय की थी और इमारत का निर्माण कई कानूनों और पर्यावरण नियमों को तोड़ कर किया गया। प्रदेश सरकार ने मालिकाना हक और आरक्षण पर अंतरिम रिपोर्ट के लिए कुछ महीने पहले आयोग का रूख किया था। महाराष्ट्र सरकार ने पिछले साल जनवरी में आदर्श सोसाइटी घोटाले की जांच के लिए दो सदस्यीय आयोग का गठन किया था। आयोग को घोटाले के हर पहलुओं की जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। आयोग जमीन के मालिकाना हक, आवंटन सहित निर्माण में विभिन्न नियमों के उल्लंघन की जांच कर रहा है।
First Published: Wednesday, April 18, 2012, 11:59