Last Updated: Monday, April 30, 2012, 18:32
मुंबई : सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने सोमवार को कहा कि दक्षिण मुम्बई में जिस जमीन पर घोटाले से कथित दागदार आदर्श को-आपरेटिव हाउसिंग सोसायटी है, वह सेना की जमीन है। उन्होंने यह भी कहा कि विपरीत निष्कर्ष निकालने वाला न्यायिक आयोग ‘कोई अदालत नहीं है’।
उन्होंने कहा कि आयोग को कोई मान्यता नहीं है। उसे राज्य ने अपनी सूचना के लिए नियुक्त किया है। अतएव हमें उसके निष्कर्ष को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है। सिंह ने यहां एक पुस्तक विमोचन समारोह के बाद संवाददताओं से कहा कि इमारत को गिराने के आदेश पहले ही दे दिए गए हैं। अब यह सुनिश्चित करने का दायित्व आप लोगों (मीडिया) पर है कि भवन को गिरा दिया जाए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि न्यायिक आयोग ने यह भी कहा है कि वह फैसला नहीं दे रहा है, बल्कि यह एक तथ्यान्वेषी रिपोर्ट है। हमने जो भी दास्तावेज दिए उन पर गंभीरतापूर्वक विचार नहीं किया गया।
आदर्श विवाद उस खबर से पैदा हुआ था जिसमें आरोप लगाया था कि राज्य ने सोसायटी को रक्षा मंत्रालय की जमीन दे दी और वहां शीर्ष नौकरशाहों और नेताओं ने अपने लिए फ्लैट बनवाए। लेकिन आदर्श घोटाले की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा नियुक्त दो सदस्यीय न्यायिक आयोग ने 18 अप्रैल को अपनी अंतरिम रिपोर्ट में कहा कि जमीन महाराष्ट्र सरकार की थी और यह कारगिल युद्ध शहीदों के परिजनों के लिए आरक्षित नहीं थी जैसा कि सेना के अधिकारियों ने दावा किया है।
उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जेए पाटिल की अध्यक्षता वाले इस आयोग ने कहा कि रक्षा मंत्रालय अपना स्वामित्व साबित करने में विफल रहा। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण इस मामले में 14 आरोपियों में एक है। मामले की जांच सीबीआई कर रही है।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, May 1, 2012, 00:02